January 4, 2025

श्रीकृष्ण लीला , गोवर्धन धारण , श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह की कथा सुनाई

 

डाही / श्रीमद् भागवत कथा के दौरान पंडित आकाश मिश्रा ने भगवान श्रीकृष्ण लीला , गोवर्धन धारण , श्री कृष्णा रुक्मणी विवाह का वर्णन किया गया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा से ज्ञान का अर्जन होता है । धार्मिक ग्रंथ को जीवन में आत्मासात करने से अपार सुख का अनुभव होता है। सांसारिक माया मोह को छोड़कर भगवान की शरण में जाने से सारे कष्ट मिट जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि बचपन में भगवान श्री कृष्णा नटखट थे। ग्वालिनों के माखन चोरी कर खा जाते थे। इसके अलावा पनिहारिन ग्वालिनों के माखन चोरी कर खा जाते थे। इसके अलावा पनिहारिन ग्वालिनों के मटके भी फोड़ जाते थे। कृष्ण से माखन और दही बचाने के लिए गांव के लोग मटकी को काफी ऊंचाई पर टांग देते। कृष्ण की चतुराई हालांकि यहां भी सब पर भारी पड़ती थी। इसलिए उनको माखन चोर भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्णा देवकी और वासुदेव की संतान थे। पौराणिक कथाओं के अनुसार कंस की हत्या देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान से होनी थी। कंस इस बात को जानता था और इसलिए देवकी की जो भी संतान होती , वह उसे मार डालता। जब आठवीं संतान कृष्ण का जन्म हुआ तो , वासुदेव देवीय शक्तियों की मदद से उन्हें यशोदा और नंद जी के यहां वृंदावन ले जाने में कामयाब रहे। इस अवसर पर बुधियार सिंह कश्यप , मीरा कश्यप , गिरीश कुमार कश्यप , डेविस कश्यप , राजाराम पाल , दुलेश ध्रुव , अविलाष कश्यप , प्रकाश ध्रुव , पुरानिक साहू , रेवा राम ध्रुव , मोहित कश्यप , कुंडल साहू , समेत बड़ी संख्या में ग्राम कसही के अलावा आसपास के गांवों के श्रद्धालु उपस्थित थे।

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