May 19, 2025

कुरूद बस्ती भिलाई में सात दिवसीय देवांगन पुराण कथा शुरू : पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी

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देवांगन पुराण देवांगन समाज का आदि ग्रंथ है एवं पूज्यनीय है : पं संतोष राव
• देवांगन पुराण में समाज की ईष्ट देवी मां परमेश्वरी का धरती पर अवतरण, आदिपुरुष दीपचंद व आदिमाता हरणि के जन्म का वृत्तांत तथा चारों युग में उनकी वंश वृद्धि एवं गोत्रों की उत्पत्ति का वर्णन है

भिलाई। कुरूद मंडल एवं दुर्ग ग्रामीण ब्लाक देवांगन समाज के तत्वावधान में 10 से 16 फरवरी तक आयोजित होने वाले सात दिवसीय ईष्ट देवी मां परमेश्वरी की यश गाथा “देवांगन पुराण” कथा यज्ञ का शुभारंभ लीला मंच कुरूद बस्ती में हुआ। पहले ही दिन कथा सुनने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। व्यास पीठ पर विराजमान कथावाचक पं. संतोष राव गांगुली ने विधिवत पूजा अर्चना कर विधि विधान से कथा स्थल पर माता परमेश्वरी की मूर्ति स्थापना , घट पूजा, दीप प्रज्वलन आदि के पश्चात देवांगन पुराण की कथा-प्रवचन आरंभ किया। देवांगन पुराण की महिमा का वर्णन करते हुए पं. संतोष राव ने कहा कि देवांगन पुराण देवांगन समाज का आदि ग्रंथ है। इसमें देवांगन समाज की ईष्ट देवी मां परमेश्वरी का धरती पर अवतरण एवं देवांगन समाज के आदि पुरुष दीपचंद व आदि माता हरणि के जन्म का वृत्तांत तथा चारों युग सतयुग, द्वापर, त्रेता एवं कलयुग में उनकी वंश वृद्धि एवं गोत्रों की उत्पत्ति का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह पुराण देवांगन समाज के लिए पवित्र एवं पूज्यनीय है।
देवांगन पुराण महायज्ञ के प्रथम दिन महिला सम्मेलन का भी आयोजन हुआ जिसमें महिलाओं के लिए विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन कर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। महिलाओं ने शानदार कलश शोभा यात्रा निकाली, जो कुरूद बस्ती के प्रमुख मार्गों से होते हुए कथा स्थल पर पहुंची। सुंदर सजे हुए रथ पर पं संतोष राव गांगुली सवार थे। कलश यात्रा में शामिल लोग जस गीत एवं माता सेवा भजन गाते हुए मां की जयकारा लगाते हुए चल रहे थे। देवांगन पुराण कथा यज्ञ के पहले दिन “देवांगन पुराण” की महत्ता, कथा का परिचय, मूर्ति स्थापना, दीप प्रज्वलन , महाआरती एवं प्रसादी वितरण किया गया। दूसरे दिन देवांगन समाज की ईष्ट देवी मां परमेश्वरी का धरती पर अवतरण, सृष्टि उत्पत्ति, तीसरे दिन देवांगन समाज के आदि पुरुष दीपचंद का जन्म एवं माता हरणि के साथ विवाह का प्रसंग कथा, चौथे दिन वस्त्र निर्माण एवं महिषासुर वध कथा, पांचवें दिन कलिकाल में विभिन्न गोत्रों की उत्पत्ति कथा, छठवें दिन बड़की, मंझली एवं छोटकी माता जन्म कथा, पीढ़ी पूजा एवं यज्ञ की कथा तथा सातवें दिन हवन, सहस्त्र धारा, कुंवारी भोज, महाआरती, देवी मूर्ति विसर्जन एवं भोग भंडारा का आयोजन किया जाएगा। भजन एवं गीत संगीत से सजे देवांगन पुराण कथा में श्रद्धालु आनंद से झूमते नजर आ रहे हैं।
देवांगन पुराण कथा यज्ञ के आरंभ में पहले दिन देवांगन आदि पुरुष दीपचंद सम्मान अलंकरण से सम्मानित पुरोधा भूषण लाल देवांगन, दुर्ग जिला देवांगन समाज के अध्यक्ष पुरानिक राम देवांगन, वरिष्ठ समाजसेवी प्रेमचंद देवांगन, शंकरलाल देवांगन, जन कल्याण समिति भिलाई के अध्यक्ष घनश्याम कुमार देवांगन, सचिव विनोद देवांगन, कैम्प मंडल अध्यक्ष भेदूराम देवांगन, दुर्ग ब्लाक अध्यक्ष धनुष राम देवांगन, सचिव अनिल देवांगन, कोषाध्यक्ष गजेंद्र देवांगन, कुरूद मंडल अध्यक्ष श्रीराम देवांगन, सचिव अश्विनी देवांगन, इतवारी देवांगन, कोहका मंडल अध्यक्ष तारा देवांगन, भिलाई 3 सचिव पूर्वेश देवांगन, दीपिका देवांगन आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। समिति द्वारा सभी अतिथियों का सम्मान किया गया। देवांगन पुराण कथा प्रतिदिन दोपहर 1.00 बजे से संध्या 5.00 बजे तक चलेगी।