भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस ने तोड़ा सर्वकालिक रिकॉर्ड
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सिर्फ 4 फर्नेसों से एक ही दिन में ही किया 18,037 टन हॉट मेटल उत्पादन
भिलाई इस्पात संयंत्र ने 8 में से सिर्फ चार ब्लास्ट फर्नेसों के सफल प्रचालन से 22 फरवरी, 2025 को एक ही दिन में 18,037 टन हॉट मेटल का उत्पादन कर एक नया सर्वकालिक कीर्तिमान स्थापित किया है। मात्र चार फर्नेसों के माध्यम से यह हॉट मेटल उत्पादन अब तक का सर्वाधिक “दैनिक रिकॉर्ड उत्पादन” है, जो भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ है।
यह अभूतपूर्व उपलब्धि भिलाई इस्पात संयंत्र की समर्पित टीम की मेहनत, प्रतिबद्धता और उच्चतम दक्षता का परिणाम है। संयंत्र ने इस परिणाम को प्राप्त करने में न केवल अपने फर्नेसों के प्रचालन को कुशलतापूर्वक अनुकूलित किया, बल्कि रॉ मटेरियल के प्रबंधन में भी प्रभावशीलता और समन्वयन का सर्वोत्तम उदाहरण पेश किया है। इस सफलता में सम्बद्ध विभिन्न विभागों के बीच सामंजस्यपूर्ण सहयोग और प्रभावी प्रबंधन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए, भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने ब्लास्ट फर्नेस के साथ समस्त इस्पात बिरादरी को बधाई दी और आगामी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रदान की हैं।
कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री राकेश कुमार ने इस उपलब्धि के लिए प्रयासरत रही टीम को संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस पहुंच कर बधाई दी। उन्होंने इस सफलता के लिए उत्पादन से संलग्न समस्त टीम को बधाई दी और फर्नेस के साथ-साथ सम्बद्ध सभी सहयोगी विभागों के कर्मचारियों की मेहनत, टीम भावना और समन्वय की सराहना की। उन्होंने फर्नेस टीम को बधाई देते हुए सारगर्भित तरीके से कहा कि यह सफलता भिलाई इस्पात संयंत्र के सभी कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। हमें आगे भी भविष्य में निर्धारित मापित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इसी तरह के समर्पण और समन्वय से उपलब्धियाँ हासिल करनी हैं, और वह भी सुरक्षा के सभी मानकों का पालन करते हुए। उन्होंने कहा कि उत्पादन और श्रेष्ठ निष्पादन जरुरी है पर इससे ज्यादा जरुरी “सुरक्षा” हैं। संयंत्र में हर टन उत्पादन पूरी सुरक्षा के साथ हों। उन्होंने कहा कि इस सफलता से यह स्पष्ट होता है कि भिलाई इस्पात संयंत्र अपने उत्पादन में निरंतर वृद्धि के साथ-साथ सुरक्षा और पर्यावरणीय मानकों में भी सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। इस सफलता से संयंत्र का समग्र प्रदर्शन और अधिक सशक्त हुआ है।
भिलाई इस्पात संयंत्र ने हमेशा अपने उत्पादन के स्तर को बढ़ाने और तकनीकी दृष्टिकोण से लगातार उन्नति करने का प्रयास किया है। संयंत्र के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस सफलता के लिए अपनी प्रतिबद्धता और मेहनत को दिखाया है। भिलाई इस्पात संयंत्र अपने उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। संयंत्र की इस तरह की लगातार सफलता इस बात का द्योतक है कि भिलाई इस्पात संयंत्र भविष्य में भी उत्पादन और गुणवत्ता के मामले में नए मानदंड स्थापित करने के लिए तैयार है।
सिर्फ चार फर्नेसों के प्रचालन करते हुए एक दिन में 18,037 टन हाट मेंटल का उत्पादन इस्पात उद्योग में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हैं। यह भिलाई ने पहली बार हासिल करते हुए एक नया रिकॉर्ड बनाया है। सेल और भिलाई के लिए यह मील का पत्थर भिलाई इस्पात संयंत्र की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दिखाता है, जिसमें न केवल उत्पादन क्षमता का विस्तार किया गया है, बल्कि हर कदम पर उत्कृष्टता, सुरक्षा और पर्यावरणीय मानकों को भी प्राथमिकता दी गई है। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र ने यह साबित कर दिया है कि वह अपने सामर्थ्य, तकनीकी दक्षता और समर्पण के साथ देश की इस्पात उद्योग में अग्रणी बने रहते हुए अपनी मापित क्षमता को भी हासिल कर लेगा।
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