विदेश मंत्री जयशंकर ने डबलिन में जनरल पोस्ट ऑफिस संग्रहालय का दौरा किया, पूर्व प्रधानमंत्री लियो वराडकर से बातचीत की

डबलिन, । विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आयरलैंड की अपनी यात्रा की शुरुआत ट्रिनिटी कॉलेज के प्रतिष्ठित जनरल पोस्ट ऑफिस संग्रहालय से की और पूर्व प्रधानमंत्री लियो वराडकर समेत कई आयरिश नेताओं के साथ बातचीत की।
उन्होंने गुरुवार को कहा कि जनरल पोस्ट ऑफिस म्यूजियम में दर्शाए गए 1916 के ईस्टर विद्रोह का “उपनिवेशवाद से स्वतंत्र होने के लिए लड़ने वाले बहुत से लोगों के लिए विशेष महत्व है”।
एक्स पोस्ट की श्रृंखला में, विदेश मंत्री ने कहा, “डबलिन में प्रतिष्ठित जनरल पोस्ट ऑफिस म्यूजियम जाकर आयरलैंड की अपनी यात्रा की शुरुआत की। 1916 के ईस्टर विद्रोह का उपनिवेशवाद से आजादी के लिए लड़ने वाले बहुत से लोगों के लिए विशेष महत्व है।”
उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने ओल्ड लाइब्रेरी देखी।
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर यह भी लिखा, “डबलिन में ट्रिनिटी कॉलेज में बुक ऑफ केल्स और ओल्ड लाइब्रेरी को देखना रोमांचक था। वास्तव में यह आयरिश विरासत और संस्कृति का गौरवपूर्ण उत्सव है।”
उन्होंने आयरलैंड के भारतीय मूल के पूर्व प्रधानमंत्री लियो वराडकर जैसे आयरिश नेताओं से भी बात की और मंत्रियों जेम्स लॉलेस, रॉबर्ट ट्रॉय और संसद सदस्य मैल्कम बर्न से भी मिले।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री लियो वराडकर, मंत्रियों और सांसद के साथ आज दोपहर अच्छी बातचीत हुई। भारत-आयरलैंड संबंधों के लिए उनकी भावनाओं और दृढ़ समर्थन की सराहना करता हूं।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने गुरुवार को आयरलैंड के राष्ट्रपति माइकल डी. हिगिंस से भी मुलाकात की और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दीं और साथ ही राष्ट्रवाद को मजबूत करने में संस्कृति की भूमिका के बारे में चर्चा की।
एक्स पर बैठक का विवरण साझा करते हुए, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “आज शाम डबलिन में राष्ट्रपति माइकल डी. हिगिंस से मुलाकात करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से शुभकामनाएं दी। समकालीन दुनिया और इसके विकास संबंधी बहसों पर उनकी अंतर्दृष्टि को महत्व देता हूं। राष्ट्रवाद को मजबूत करने में संस्कृति की भूमिका के बारे में बात की।”
विदेश मंत्री 4 से 9 मार्च तक यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड की आधिकारिक यात्रा पर हैं।
भारत और आयरलैंड साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, सांस्कृतिक संबंधों और बढ़ते आर्थिक जुड़ावों पर आधारित मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-आयरलैंड के बीच संबंध 19वीं सदी से हैं, जब बड़ी संख्या में आयरिश लोग ब्रिटिश सिविल सेवा, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और सैन्य सेवाओं में शामिल हुए थे।
आयरलैंड ने कोविड-19 महामारी के दौरान ईयू ईसीएचओ तंत्र के तहत भारत की मदद की थी, आयरलैंड ने दो खेपों में 1248 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 425 वेंटिलेटर और 2 ऑक्सीजन जनरेटर की आपातकालीन चिकित्सा सहायता भेजी थी।
आयरलैंड ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का लगातार समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारतीय दूतावास आयरिश कंपनियों को “मेक इन इंडिया”, “डिजिटल इंडिया”, “स्वच्छ भारत” और “स्मार्ट सिटीज” जैसे प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।