May 18, 2024

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि वितरण कार्यक्रम में हो रहे हैं शामिल

रायपुर, 21 जनवरी 2023 मुख्यमंत्री श्री बघेल अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रममुख्यमंत्री श्री बघेल अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 8 करोड़ 03 लाख रूपए का करेंगे भुगतान-मुख्यमंत्री ने 1 जनवरी से 15 जनवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.13 लाख क्विंटल गोबर के एवज में उनके खाते में 4 करोड़ 27 लाख रूपए की राशि ऑन लाईन अंतरित की-गौठान समितियों को 2.23 करोड़ रुपए का किया गया भुगतान-महिला समूहों के खाते में 01 करोड़ 53 लाख रूपए की लाभांश राशि अंतरित की गई-छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई 2020 से गोधन योजना शुरु हुई है -योजना में 2 रुपए प्रति के किलो की दर से अब तक 100.86 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई-गोबर विक्रेताओं को अब तक किया गया 201.72 करोड़ रूपए का भुगतान-गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक किया गया है 175.64 करोड़ रूपए का भुगतान-इस तरह गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को अब तक 395.35 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया-इस बार भी 1 से 15 जनवरी 2023 पखवाड़े में गोबर खरीदी के लिए प्रदेश के स्वावलंबी गौठनों ने कृषि विभाग की तुलना में अधिक राशि का भुगतान किया-गोबर विक्रेताओं को आज भुगतान की गई 4.27 करोड़ रुपए की राशि में से 2.52 करोड़ रुपए का भुगतान 4690 स्वावलंबी गौठानों ने अपने संसाधनों से और 1.75 करोड़ रूपए का भुगतान कृषि विभाग द्वारा किया गयास्वावलंबी गौठनों द्वारा अब तक 37.71 करोड़ रुपए के गोबर की खरीदी की गई हैगौठनों में अब तक 4 रुपए लीटर में खरीद गया 1 लाख 20 हजार 171 लीटर गौमूत्रगौमूत्र से बनाए गये कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और वृद्धिवर्धक जीवामृत की बिक्री से महिला स्व सहायता समूहों को हुई 23.98 लाख रूपए की आयपैरा दान की अपील पर किसानों ने गौठनों में किया 15.68 लाख क्विंटल पैर दान-गोबर से अब तक 27 लाख क्विंटल से अधिक कम्पोस्ट का उत्पादन-गोधन न्याय योजना से 3 लाख 98 हजार से अधिक ग्रामीण लाभान्वित-राज्य में स्वीकृत 10 हजार 921 गौठनों में से 9596 गौठान निर्मित- गौठनों में आय मूलक गतिविधियों से महिला स्व सहायता समूह ने अब तक 105.18 करोड़ रुपए की आय अर्जित की-गौठनों में 11 हजार 477 महिला स्वसहायता समूहों की 1 लाख 31 हजार 898 महिलाएं कार्यरत हैं