बस्तर के नक्सली कमांडर ने प्यार के लिए छोड़ दिया लाल आतंक का रास्ता

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रायपुर .प्यार में बड़ी ताकत होता है .एक खतरनाक नक्सली कमांडर ने अपने प्यार को पाने  के लिये लाल आतंक का रास्ता ही   छोड़ दिया. बस्तर  में एक समय जब लाल आतंक अपनी चरम पर था, उस दौरान नक्सली कमांडर गोविन्द जाना पहचाना नाम था. कोंडागांव के जंगलों में भटकते इस नक्सली का प्यार गांव की ही एक युवती रमोली के साथ परवान चढ़ा. अपने प्यार की खातिर गोविन्द ने माओवाद संगठन से अपना नाता तोड़ दिया. शादी के लिए रमोली की शर्त थी की संगठन छोडो बस उसने संगठन छोड़ अपनी प्रेयसी का हाथ थाम लिया. प्यार ने एक भटके रही को सही रास्ता दिखा दिया .

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