May 9, 2024

सीपीआई जिला परिशद् कोण्डागांव ने दिया धरना, सौंपा ज्ञापनजिले की जन समस्याओं के तत्काल समाधान हेतु

कोण्डागांव जिले की जन समस्याओं के तत्काल समाधान हेतु, सीपीआई जिला परिशद् कोण्डागांव द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्षन करके महामहिम राज्यपाल एवं मुख्य मंत्री छ.ग.षासन के नाम प्रेशित ज्ञापन को एस.डी.एम. कार्यालय में पहुंचकर मौके पर मौजुद तहसीलदार कोण्डागांव को सौंपा गया। ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान सीपीआई जिला परिशद कोण्डागांव के का.तिलक, का.षैलेष, का.जयप्रकाष, का.दिनेष, का.बिसम्बर, का. मुकेष, का.बिरज, का.गुदराम, दुबेष, रामचंद, घेनुराम, घासीराम, कुमार, घसीया, रामसिंह, सुकलाल, निर्मल, महरुराम, पतिराम, नामेराम, फगनुराम, शंकर, राम, फगनुराम, सोमारु, कपिल, ओमप्रकाश, गीतेश, मानसिंह आदि सहित जिले के विभिन्न ग्रामों से कम्युनिश्ट काफी संख्या में उपस्थित रहे। सीपीआई कोण्डागांव द्वारा जिला मुख्यालय कोण्डागांव के डीएनके मैदान में 31 जुलाई 2023 को एक दिवसीय धरना प्रदर्षन करके बस्तर संभाग के सभी जाति वर्ग के लोगों को जो वन भूमि पर वर्श 2005 के पूर्व से काबिज हैं, ऐसे सभी पात्र जनों को वनाधिकार पट्टा प्रदान किए जाने। बस्तर संभाग की मुल जातियों जैसे मरार, महारा, धाकड़, राऊत, कलार, सुण्डी, कुम्हार, केंवट, घड़वा, घसिया, गाण्डा, पनका, लुहार, बंजारा, धोबी, नाई आदि बस्तर की मूल जातियों को अनुसूचित जनजाति वर्ग में षामिल किए जाने। बस्तर संभाग में सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभाग के सभी पदों पर स्थानीय षिक्षित बेरोजगारों की भर्ती करने। उद्योग, सड़क, बांध आदि से प्रभावित विस्थापितों के साथ हो रहे अन्याय की जांचकर, उन्हें उनको प्राप्त होने वाली सुविधाएं तत्काल प्रदान की जाने। बस्तर संभाग में षिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक विस्तार किए जाने। ग्रामीण व षहरी क्षेत्र के ऐसे नागरिक जो षासकीय भुमि पर मकान बनाकर कई वर्शों से निवासरत हैं, उन्हें तत्काल पट्टा प्रदान किए जाने, विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु आवेदकों के द्वारा प्रस्तुत आवेदनों का निराकरण समय सीमा में करना सुनिष्चित करने के बाद आवेदकों को सुचना देने तथा कोण्डागांव जिले के जिन गांवों को नारायणपुर जिला पुलिस के अंतर्गत रखा गया है उन सभी ग्रामों को कोण्डागांव जिला पुलिस के अंतर्गत रखा जाए ताकि दोहरी प्रषासनिक व्यवस्था से परेषान ग्रामीणजनों की परेषानी दूर हो सके आदि समस्याओं के समाधान की, मांग की गई।