November 23, 2024

स्मोकिंग करने वालों के साथ खड़े होने पर भी होता है सेहत को खतरा

आज के समय अधिकतर लोग धूम्रपान की फिरक्त में हैं. युवा भी इसकी ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. आपके ग्रुप में आपको दो या तीन लोग ऐसे मिल ही जाएंगे जो धूम्रपान करते होंगे. कई बार हमें लगता है कि सिर्फ धूमपान करने से हमारी सेहत को खतरा होता है, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि धुएं के संपर्क में रहने वाले दूसरों लोगों को भी इससे नुकसान होता है.

पैसिव स्मोकिंग क्या है?

पैसिव स्मोकिंग को सेकंड हैंड स्मोकिंग भी कहा जाता है, ये फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है. स्मोकिंग करने वालों के साथ ही उनके अपने और आसपास रहने वाले लोग पैसिव स्मोकिंग से भी अधिक प्रभावित होते. सिपंल भाषा में बात करें तो जो व्यक्ति स्मोकिंग (धूम्रपान) करता है, इससे उसे तो नुकसान होगा ही साथ ही उसके साथ खड़े व्यक्ति को भी इससे नुकसान होता है. साथ खड़ा व्यक्ति भी इस धुएं को अपनी सांस के साथ शरीर में ले रहा होता है. इसी को सिव स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग कहा जाता है. डाक्टरों की मानें तो पैसिव स्मोकिंग करने वाले लंग्स कैंसर से लेकर हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियां की चपेट में दूसरों की अपेक्षा जल्दी आते हैं.

सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स पल्मोनोलॉजी की एचओडी एंड सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर बंदना मिश्रा ने बताया कि पैसिव स्मोकिंग निश्चित रूप से अनेक प्रकार के जोखिम लेकर आती है, जिसका सबसे अधिक ख़तरा धूम्रपान करने वालों के साथ रहने वालों को होता है और यदि कहा जाए कि पैसिव स्मोकिंग के कारण लंग कैंसर का जोखिम होता है तो बहुत हद तक यह गलत नहीं होगा.

दरअसल तम्बाकू के धुएं से से लगभग 5000 प्रकार के रसायन निकलते हैं, जिनमें से बहुत से हानिकारक होते हैं. धूम्रपान कर लेने के कुछ देर बाद उसका धुंआ भले ही दिखाई न दे लेकिन वह हवा में मौजूद रह सकता है और दूसरे धूम्रपान नहीं कर रहे व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. यह स्थिति व्यक्ति को हृदय रोग, फेफड़ों संबंधित समस्याओं की ओर लेकर जा सकती है जो गंभीर स्थिति में सीओपीडी में भी बदल सकती है. इसलिए निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि पैसिव स्मोकिंग के कारण लंग कैंसर का जोखिम हो सकता है. धूम्रपान किसी भी रूप से सुरक्षित नहीं है, न ही धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के लिए न ही उसके आस-पास के लोगों के लिए.

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