भूपेश बघेल को काम नहीं, सिर्फ नाम चाहिए : लता उसेंडी
कोंडागांव भूपेश बघेल सरकार ने मुख्यमंत्री आवास न्याय के नाम का नया ढोंग रचा है, अपने नेता को बुलाकर प्रदेश की जनता को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं कि गरीबों के लिए 7 लाख मकान बनाए जायेंगे। जो मुख्यमंत्री प्रदेश के गरीबों को पक्का मकान से वंचित रखा, जिनके कच्चे मकान बारिश में ढह गए, ऐसे सभी पीड़ित परिवार भूपेश सरकार को सबक सिखाएंगे। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने कहा कि जब सरकार अंतिम सांसें गिन रही है उस समय अपनी विफलता छुपाने लीपापोती करने में लगी है। जनता भूपेश सरकार की झूठ और फरेब को समझ चुकी है। सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि राज्य सरकार नए नए वादे कर रही है। चुनाव को 1 महीने बचे हैं और सरकार घोषणाएं की जा रही हैं। उन्होंने अपने गृह जिले में बीते दिनों सातगांव के इंस्पेक्टर पारा में मिट्टी का मकान ढहने से एक बुजुर्ग की मौत और 2 लोगों के घायल होने का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वह परिवार पात्र था, लेकिन प्रदेश की भ्रष्ट और घोटालेबाज सरकार के कारण उस परिवार समेत जिले के सैकड़ों परिवार को आवास से वंचित रखा। अगर अपनी हठधर्मिता छोड़कर ये गूंगी बहरी सरकार लोगों को योजना का लाभ दिया रहता तो लोगों की असमय मौत नहीं होती।
सुश्री उसेंडी ने कांग्रेस सरकार के ग्रामीण आवास योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस के नाम पर 30 हजार हितग्राहियों को केवल स्वीकृति पत्र दिया गया है, 47 हजार पक्का मकान देने के लिए 1 हजार करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। एक पक्का मकान बनाने के लिए मात्र 21 हजार रुपए दिए जाएंगे, इतने पैसे में पक्का मकान कैसे बनेगा? यह न्याय योजना भी मकान बनने की आस लगाए गरीब भाइयों के साथ फरेब है। राहुल गांधी के हाथों 1 लाख ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किश्त बंटवाई गई है, जब सरकार अंतिम सांसें गिन रही है उस समय अपनी विफलता छुपाने लीपापोती करने में लगी है। जनता भूपेश सरकार की झूठ और फरेब को समझ चुकी है।यह घोषणा भी पिछले चुनाव के पहले संकल्प पत्र में किए गए झूठे वादे की तरह ही है जो चुनाव के समय की गई है। जब केंद्र की मोदी सरकार ने 16 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए, निर्माण के लिए पैसा दिया, तब यह आवास क्यों नहीं बनाए? गरीब जनता को आवास से वंचित करके क्यों रखा? चुनाव से पहले यह मकान बनाने की घोषणा क्यों कर रहे हैं? भूपेश बघेल केवल नाम चाहते हैं। पौने पांच साल में न तो उन्होंने कोई काम किया है और न कोई काम करना चाहते हैं। उन्हें चुनाव के वक्त गरीबों के आवास याद आ रहे हैं तो क्या वजह है कि इसके पहले उन्होंने गरीबों के आवास में तरह-तरह के अड़ंगे लगाए और गरीबों के आवास नहीं बनने दिए। चुनाव आ गया तो कह रहे हैं कि 7 लाख आवास बनायेंगे। अब उनके पास समय है कहां, जो वे गरीबों के लिए यह आवास बनायेंगे?
उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि आखिर यह नौबत क्यों आई? इसके लिए भूपेश बघेल जिम्मेदार हैं। क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने तो उन्हें गरीबों के मकान बनाने के लिए पैसा भेजा था, उन्होंने ही 10 हजार करोड़ ठुकरा दिए। वे नहीं चाहते थे कि छत्तीसगढ़ के सभी आवासहीन गरीबों को पक्का मकान मिले। जब तक राज्य में भाजपा की सरकार रही, तब तक लक्ष्य के अनुरूप प्रधानमंत्री आवास योजना में छत्तीसगढ़ की रफ्तार बहुत तेज रही। कांग्रेस ने आते ही गरीब का हक छीन लिया।लता उसेंडी ने कहा कि भाजपा की सरकार ने जिस गति से विकास किया, वह एक मिसाल है। केंद्र सरकार ने जनता के कल्याण के लिए जो योजनाएं लागू कीं, उनका लाभ छत्तीसगढ़ की गरीब जनता को कांग्रेस की सरकार ने लगभग 5 साल से मिलने नहीं दिया। भाजपा की राज्य सरकार ने 2018 तक छत्तीसगढ़ की जनता को मोदी सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ उपलब्ध कराया लेकिन जब से कांग्रेस की सरकार बनी तब से छत्तीसगढ़ की जनता मोदी जी की योजनाओं के लाभ से वंचित है।