श्रमिक नेता शहीद शंकरगुहा नियोगी का शहीद दिवस 27 सितंबर को मनाया जायेगा दल्लीराजहरा में
श्रमिक निकालेंगे रैली व होगी आमसभा, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जाये नियोगी हत्याकांड की जांच
भिलाई। छत्तीसगढ मुक्तिमोर्चा के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एक्टू भीमराव बागडे ने आयेाजित पत्रवार्ता में कहा कि आगामी 28 सितंबर को दल्लीराजहरा में कामरेड शंकर गुहा नियोगी का शहीद दिवस मनाया जायेगा जिसमे छग मुक्तिमोर्चा के अलावा जनमुक्ति मोर्चा के साथ ही अनेक संगठन के प्रतिनिधि रैली निकालकर आमसभा करेंगे। गत दिवस तीन बैठकों के बाद इस कार्यक्रम को मनाया जाने की सहमति बनी है। रसमड़ा के औद्यौगिक क्षेत्र के अलावा भिलाई, कुम्हारी, रायपुर, टेडेसरा, राजनांदगांव, डोंगरगढ, बिलासपुर, पंडरिया, कवर्धा सहित अन्य कई जिलों के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। श्री बागड़े ने आगे बताया कि 28 सितंबर 1991 में कामरेड शंकरगुहा नियोगी के नेतृत्व में श्रमिक आंदोलन हुआ था, उसे समाप्त करने के लिए नियोगी जी अपने हुडको स्थित कार्यालय में रात में साये थे, तभी उनकी उद्योगपतियों द्वारा गोली मारकर हत्या करवा दी गई। उनका 32वां शहीद दिवस हम सभी श्रमिक मनाने जा रहे हैं। इस हत्याकांड में सीबीआई द्वारा सिम्पलेक्स के मालिक मूलचंद शाह, चंद्रकांत शाह सहित 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था। सेशन कोर्ट दुर्ग से पंचर बनाने वाले पल्टन मल्लाह को फांसी और पांच अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी थी, लेकिन इस मामले की अपील उच्च न्यायालय जबलपुर व उच्चतम न्यायालय दिल्ली में की गई तब जाकर उच्चतम न्यायालय द्वारा एक आरोपी की फांसी की सजा को हटाते हुए पल्टन मल्लाह को आजीवन कारावास की सजा दी गई और बाकी सबको बरी कर दिया गया। इस मामले की लड़ाई की शिकायत हमारे द्वारा महामहिम राष्ट्रप्रति महोदय ने उच्च न्यायालय के रिटायर जज द्वारा जांच की मांग की गई थी, महामहिम द्वारा छग सरकार के मुख्य सचिव को समुचित कार्यवाही करने के निर्देश 13 जनवरी 2016 को भेजा था लेकिन तत्कालिक भाजपा के रमन सरकार और वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा आज तक कोई जांच नही कराई गई। उन्होंने आगे कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार श्रमकानूनों का पालन नही करा रही है, जिसमें मजदूरों का शोषण हो रहा है ,श्रम अधिकारी फेक्ट्री मालिकों से लेनदेन कर अपनी जेब गरम कर रहे है। रसमड़ा के जय बालाजी कृष्ट इत्यादि फैक्ट्रियों में मजदूरों का शोषणहो रहा है, जय बालाजी में 4 सौ में से 2 सौ मजदूरों को बैँक के माध्यम से भुगतान नही किया जा रहा है और ना ही वेतन पर्ची दी जाती है और ना ही हाजिरी कार्ड प्रदान की जाती है। कशमकश स्थिति टापबर्थ की भी है जो 16 माह से बंद पड़ी थी, उसके द्वारा 3 सौ रेग्यूलर कर्मचारियों को पेमेंट दिया लेकिन बाकी लोगों को नही दिया। रसमडा में आने वाले दिनों मे ंहम बडा आदोलन करेेंगे। कामरेड शंकुर गुहा नियोगी के मामले में हमारा खुला आरोप है कि चन्द्रकांश शाह व कैलाशपति केडिया ने उनकी हत्या कराई थी, इसकी जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करायी जाये।
श्री बागडे ने आगे कहा कि बस्तर मे ंआदिवासियों को शोषण हो रहा है नक्सली हावी है, खनिज सम्पदा लोग खुलेआम निकाल रहे हैं। आदिवासियों को पांचवी अनुसूचि का दर्जा, व पेशा कानून लागू होना चाहिए। इस अवसर पर ए जी कुरैशी, धनंजय शर्मा, बंशीलाल साहू सहित बड़ी संख्या में श्रमिक नेता व अन्य मजदूर उपस्थित थे।