November 23, 2024

अपने ही 5 वर्षीय बेटे की हत्या कर खा गई माँ, होश उड़ा देगी वजह

मिस्र से हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ एक मां ने अपने बेटे को चाकू से काटकर मार डाला तथा उसे खा गई। अपने 5 वर्षीय बेटे को चाकू से काटकर उसके सिर का हिस्सा खाने वाली मां को कोर्ट ने आपराधिक रूप से पागल घोषित कर दिया है। महिला का नाम 29 वर्षीय हना मोहम्मद हसन है। उस पर अपने बेटे यूसुफ की नृशंस हत्या का मुकदमा चल रहा था। मगर न्यायाधीशों ने फैसला सुनाया कि अपराधी महिला अपनी पैरवी करने के लिए सही हालत में नहीं है। इसकी जगह, कोर्ट ने तय किया कि उसने अपने बेटे को “पागलपन की स्थिति में” होने के बाद मार डाला था तथा उसे एक सुरक्षित मनोरोग इकाई में हिरासत में रखने का आदेश दिया।

ये हैरतअंगेज वाली घटना तब सामने आई जब मासूम यूसुफ के चाचा को उसके शरीर के टुकड़े मिले। यह परिवार उत्तरी मिस्र के फैकस में रहता है। लड़के के चाचा ने घर में एक बाल्टी में उसके शरीर के कुछ हिस्से देखे तो दंग रह गए। गिरफ्तारी के पश्चात्, अपराधी महिला ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने ही अपने बेटे का सिर काटा तथा उसका कुछ हिस्सा खाया लिया। महिला ने इस नृशंस का कारण भी बताया है। उसने पुलिस से कहा कि वह “चाहती थी कि बेटा हमेशा उसके साथ रहे।” महिला ने कहा, “मैं अपने बेटे को हमेशा अपने साथ रखना चाहती थी।”

सुनवाई के चलते अभियोजकों ने तर्क दिया कि हना मोहम्मद हसन ने इसलिए क़त्ल को अंजाम दिया क्योंकि उसे डर था की उसके बेटे की कस्टडी उसके पूर्व पति के पास चली जाएगी। एक प्रारंभिक मनोरोग रिपोर्ट से पता चला है कि महिला ने जानबूझकर और बड़ी ही प्लानिंग के साथ इस कृत्य को अंजाम दिया। उसने एक मोटी लकड़ी तथा छुरी ली, सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दीं। तत्पश्चात, उसने अपने बेटे के सिर पर तीन बार वार किया था। सबूत मिटाने के प्रयास में उसने बेटे के शरीर के कई टुकड़े कर दिए थे। 

हालांकि, कोर्ट ने उसके पागलपन का अधिक गहन मूल्यांकन करने का आदेश दिया। कोर्ट द्वारा नियुक्त मनोचिकित्सक विशेषज्ञों के एक पैनल ने बताया कि महिला को “भ्रम” था। उसका मानना ​​था कि रिश्तेदार उसके बेटे के खिलाफ जादू-टोना का उपयोग कर रहे थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि वह मानसिक रूप से कमजोर थी। वह अपने कार्यों की गंभीरता को समझने में नाकाम रही तथा हत्या को एक साधारण गलती मानती थी। इसके परिणामस्वरूप, कोर्ट ने फैसला सुनाया कि उसे काहिरा के अब्बासिया मानसिक एवं न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य अस्पताल में हिरासत में रखा जाना चाहिए।