‘अस्थायी नौकरियों में भी SC/ST/OBC को मिलेगा आरक्षण, आदेश जारी..’, मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 45 दिन या उससे अधिक समय की अस्थायी पोस्टिंग में आरक्षण प्रदान किया जाएगा। सरकार ने बताया है कि सभी मंत्रालयों और विभागों को अस्थायी पदों पर आरक्षण को सख्ती से लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज द्वारा प्रतिनिधित्व की गई केंद्र सरकार ने अस्थायी नौकरियों में SC/ST/OBC आरक्षण की मांग करने वाली एक रिट याचिका के जवाब में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ से यह बात कही है।
इसमें 21 नवंबर, 2022 के एक सरकारी दस्तावेज़ का उल्लेख किया गया है, जिसे ऑफिस मेमोरेंडम (OM) नंबर 41034/4/2022-स्था. (IRS-I) कहा जाता है। इस दस्तावेज़ ने सुनिश्चित किया कि SC/ST/OBC पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को 45 दिनों या उससे अधिक समय तक चलने वाली अस्थायी नौकरी नियुक्तियों में आरक्षण मिलेगा। 1968 और 2018 के समान दस्तावेज़ों ने भी इस प्रथा का समर्थन किया। ऑफिस मेमोरंडम में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण पर संसदीय समिति की एक रिपोर्ट की ओर भी इशारा किया गया, जिसमें पाया गया कि सभी विभागों द्वारा अस्थायी पदों पर आरक्षण के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि, ‘सभी मंत्रालयों/विभागों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि 45 दिनों या उससे अधिक समय तक चलने वाली सभी अस्थायी नियुक्तियों में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण दिया जाएगा। इन निर्देशों को कड़ाई से अनुपालन के लिए सभी संबंधितों को सूचित किया जाना चाहिए।’ इन OM को ध्यान में रखते हुए पीठ ने रिट याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने रेखांकित किया कि यदि इस कार्यालय ज्ञापन का उल्लंघन होता है, तो यह याचिकाकर्ताओं या पीड़ित पक्ष के लिए उचित कानूनी उपाय खोजने के लिए खुला होगा।
अदालत ने केंद्र सरकार के वकील का बयान भी दर्ज किया कि 21/11/2022 कार्यालय ज्ञापन का पालन करने में विफलता के मामलों से निपटने के लिए एक तंत्र मौजूद है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े, आयुष नेगी, एओआर, कार्तिक वेणु, अधिवक्ता, विशाखा उपाध्याय, अधिवक्ता, और शिखर चंदा, अधिवक्ता अदालत के समक्ष उपस्थित हुए।