November 17, 2024

28 अक्टूबर को लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानिए कब और कहां-कहां दिखाई देगा?

दशहरे के बाद वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है. यह अंतिम चंद्र ग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगेगा. इस प्रकार से अक्टूबर का महीना त्योहारों के साथ ही ग्रहण के नजरिए से बहुत ही विशेष है. पंचांग के मुताबिक, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 28 अक्टूबर को भारत में ग्रहण की शुरुआत मध्य रात्रि 01:05 बजे से होगी. मध्य रात्रि 02:24 बजे तक ग्रहण रहेगा. चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण आरम्भ होने से ठीक 9 घंटे पहले से आरम्भ हो जाता है तथा ग्रहण समाप्त होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है. चंद्र ग्रहण के वक़्त दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. यदि इसके चलते राशि अनुसार दान किए जाए तो कुंडली के कई दोषों का प्रभाव कम हो सकता है. 28 अक्तूबर को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में नजर आएगा जिस वजह से इसका सूतक काल मान्य रहेगा.

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण:-
 ज्योतिषाचार्य ने बताया कि वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण भारत के अतिरिक्त नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में भी देखा जाएगा. भारत में चंद्र ग्रहण दिल्‍ली, गुवाहटी, जयपुर, जम्‍मू, कोल्‍हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्‍चर, उदयपुर, उज्‍जैन, बडौदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्‍नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी,अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु भोपाल, भुवनेश्‍वर, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना सहित कई शहरों में दिखाई देगा. 
 
कब से कब तक देखा जा सकेगा चंद्रग्रहण:-
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भारतीय समय के मुताबिक वर्ष के इस अंतिम ग्रहण की शुरुआत शनिवार 28 अक्टूबर को मध्य रात्रि 01:05 मिनट से होगी जो मध्य रात्रि 02:24 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. शनिवार 28 अक्टूबर को सूतक काल दोपहर4:05 मिनट से आरम्भ हो जाएगा.
 
अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण:-
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है. अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे लोगों के लिए विशेष अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा.