लोरमीपुलिस ने आन्या हॉस्पिटल के संचालक, मैनेजर दोनो भाई को गिरफ्तार कर भेजा जेल
लोरमी – आन्या हॉस्पिटल में प्रसूता की संदिग्ध परिस्थितियों के मौत मामले में पुलिस ने आरोपियों को गैर आदतन हत्या का धारा लगाकर गिरफ्तार किया है। ऑपरेशन करने वाले में टीम भी जांच के दायरे में जिनसे पुलिस पूछताछ कर कार्यवाही किया जा रहा है। पुलिस एवं सीएमएचओ ने मामले के खुलासा में बड़ी बातें सामने आई है। इधर जिला स्तर पर जांच टीम भी आन्या हॉस्पिटल के दस्तावेज की जांच में जुट गयी है।एसडीओपी माधुरी ने मामले का खुलासा करते हुऐ बताया कि मृतिका शारदा उम्र 23 वर्ष की मौत पर उनके पति दुर्गेश राजपूत निवासी सल्हैया की रिपोर्ट पर अस्पताल के संचालक महेंद्र 36 वर्ष पिता गंगाराम साहू एवं उसका भाई जितेंद्र साहू 31 वर्ष निवासी तेलीमोहतरा को गिरफ़्तार कर न्याययिक रिमांड में भेजा गया।उन्होने बतया की मामले में अस्पताल से जुड़े लोगों के ख़िलाफ के पूछताछ कर कार्यवाही किया जा रहा है। आरोपियों के खिलाफ गैर आदतन हत्या जैसे धारा 304, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।मामले में माधुरी धीरही ने बताया कि मृतिका के पीएम रिपोर्ट में मेडिकल स्टाप ने पर्याप्त साक्ष्य मिले है।
माधुरी धीरही ने बताया कि संचालक के द्वारा अस्पताल के मान्यता के लिये ऑनलाइन एप्लाय किये थे, पर उनके पास वैध लायसेंस नही है, आरोपी द्वारा महिला के ऑपरेशन करने वाले तथाकथित डॉक्टर का नाम बतया गया उनका भी तलाश पुलिस कर रही है। साथ मे पुलिस ने बतया की उस दिन मरीज को कौन एम्बुलेंस लेकर आन्या हॉस्पिटल लाया उसकी भी पुलिस पतासाजी कर रही है। उन्होने बताया कि एम्बुलेंस किस प्रकार से मरीजो को काउंसिलिंग के साथ बरगला कर अस्पताल में लेकर जाते थे। फिर अस्पताल वाले अपने तरीके से मरीजों से मोटी रकम ऐंठा करते थे। पुलिस ने मृतिका महिला की भर्ती, इलाज का फाईल सहित रजिस्टर भी जप्त किया है। मामले अस्पताल संचालक को 91 के तहत नोटिस जारी कर अस्पताल के दस्तावेज भी मांगे है।
गौरतलब है की गुरुवार को 12 बजे आन्या हॉस्पिटल में प्रसूता शारदा राजपूत को डिलवरी के लिए भर्ती कराया गया था। एक बच्चे के जन्म होते ही महिला की मृत्यू हो गई। जिसकी जानकारी प्रबंधन परिजनों को देर दिए । संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यू होने पर थाने में रिपोर्ट किये। उक्त मामले में परिजन एवं ग्रामीण हॉस्पिटल में घण्टो विरोध कर जमकर हंगामा हुआ।प्रशिक्षु डीएसपी जितेंद्र कुम्भकार ने बताया कि मामले में अभी कार्यवाही अभी चल रही है, जिसमें और भी आरोपी बढ़ेंगे।स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ देवेंद्र पैकरा ने मामले के बारे तया की प्रथम दृष्टया पूरा अस्पताल ही फर्जी था, पूरे डॉक्टर व टीम फर्जी है, उनके लायसेंस नही है। अस्पताल में जो लोग प्रसूता की ऑपरेशन किये है, वह भी फर्जी है, एक छोटा सा स्टाप भी फर्जी था। उन्होंने बतया की जुलाई, अगस्त महीने में नोटिस देकर अस्पताल निर्धारित मापदण्ड में नही है, इसलिये
हॉस्पिटल का संचालन बन्द करने निर्देशित किया गया था, अगर
ऐसा कुछ घटना होती है, तो इसके जिमेदार अस्पताल संचालक स्वयं होंगे। उन्होंने बतया की जिला स्तर की टीम जांच कर रही है। आगे इस प्रकार की घटना को रोकने के लिए टीम बनाकर अन्य स्थानों की जांच कर कार्यवाही किया जायेगा।प्रकरण की विवेचना में आरोपियों की गिरफ्तारी में थाना
प्रभारी प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुंभकार, उनि शोभा यादव, सउनि निर्मल घोष, आजूराम गोंड, पुहकल सिंह,संतोष लोधी, प्रधान आरक्षक बालीराम ध्रुव, शेषनारायण कश्यप, प्रकाश शुक्ला, आरक्षक रवि डाहिरे, पवन गंधर्व,शिवशंकर गोयल, ईश्वर मरावी, राकेश गुप्ता, अमरनाथ नेताम,महिला आरक्षक नंदनी रजक की महत्वपूर्ण भूमिका रही।