November 16, 2024

समलैंगिक विवाह केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई रिव्यू पिटीशन

समलैंगिक विवाह के केस में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले के विरुद्ध बुधवार (1 नवंबर) को समीक्षा याचिका दायर की जा चुकी है. शीर्ष अदालत ने 17 अक्टूबर को मामले पर निर्णय भी सुना दिया है. खबरों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बोला था कि वह समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं दे सकता है और ऐसे जोड़े बच्चे भी गोद नहीं  ले पाएंगे. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि सरकार चाहे तो समलैंगिक जोड़ों की चिंताओं का हल निकालने के लिए समिति बना सकती है.

5 न्यायाधीशों वाली जिस संविधान पीठ ने केस पर निर्णय सुनाया था उसमें चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस एम रविंद्र भट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल थे. 

खबरों कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अप्रैल से सुनवाई भी शुरू कर दी थी. संविधान पीठ की ओर से दस दिन की सुनवाई के बाद 11 मई तक के लिए निर्णय सुरक्षित रख लिया गया था. इसके बाद 17 अक्टूबर को निर्णय सुनाया गया.