November 15, 2024

भारत-US के एक दांव से ही निकल गई चीन के हेकड़ी! आग उगलने वाले आज नरम कैसे हो गया?

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) ने एक आर्टिकल के जरिए भारत-अमेरिका 2+2 डायलॉग (2+2 Dialogue) पर रिएक्शन दिया है. भारत-अमेरिका की मीटिंग के बाद ग्लोबल टाइम्स के सुर बदल गए और वो चीन-भारत के रिश्तों की दुहाई देने लगा. मगर इस आर्टिकल में भी उसने भारत के खिलाफ जहर उगला. चीन के ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन भारत को दुश्मन के तौर पर नहीं देखता है. चीन, भारत को समान शर्तों पर निपटने के लिए एक अहम पड़ोसी देश के रूप में देखता है.

चीन और भारत के बीच मतभेदों को संभालने का यही सही तरीका है. इसके साथ ही ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अगर भारत-अमेरिका सहयोग से किसी तीसरे देश के वैध अधिकारों को खतरा नहीं है, तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. हालांकि, अगर भारत-अमेरिका सहयोग, विशेष रूप से सैन्य और सुरक्षा पक्षों पर, चीन जैसे तीसरे देश के वैध हितों के लिए खतरा पैदा करेगा, तो ये एक गंभीर चिंता की बात होगी. अगर वाशिंगटन में कोई वास्तव में विश्वास करता है कि वो भारत को मना सकते हैं और भारत को अमेरिका के बंधन में बांध सकते हैं, तो उनका ये विश्वास झटके में टूट सकता है और इसका परिणाम सिर्फ विनाश ही होगा.

बता दें कि भारत और अमेरिका दोनों देश रिश्तों की नई इबारत लिख रहे हैं. दोनों देश एक साथ मिलकर रक्षा व्यापार तकनीकि समेत कई अन्य क्षेत्रों में साथ मिलकर नए-नए आयाम लिख रहे हैं. लेकिन, भारत और अमेरिका के बीच ऐसी बातचीत चीन को रास नहीं आ रही है और वो अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है. दरअसल, भारत और अमेरिका के बीच नई दिल्ली में 2+2 वार्ता की. इसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्री अपने-अपने काउंटरपार्ट के साथ कई मुद्दों पर बात की और कई अहम समझौते किए.

इन्ही समझौतों की वजह से चीन को मिर्ची लगी है. चीन भारत के साथ रिश्तों की दुहाई देने लगा है. चीन की बातों से ये साफ हो गया है कि चीन को भारत अमेरिका की दोस्ती पसंद नहीं आ रही है. और इसीलिए वो बौखला रहा है. दरअसल एशिया में अमेरिका और भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती चीन है. दोनों ही देशों को चीन के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं. LAC पर चीन और भारत की झड़प हो चुकी है तो वहीं ताइवान को लेकर चीन अमेरिका आमने-सामने हैं.

जान लें कि 5वीं भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉपरेशन की डील की. इस समझौते के मुताबिक, लड़ाकू वाहनों को भारत अमेरिकी मिलकर भारत में ही बनाएंगे. भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक साझेदारी और रक्षा, सुरक्षा और खुफिया सहयोग में मजबूती देखी गई है, रक्षा क्षेत्र हमारे द्विपक्षीय संबंधों का सबसे जरूरी स्तंभ है. आपकी भारत यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब भारत और अमेरिका पहले से कहीं अधिक करीब हैं. तो वहीं अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि पिछले कुछ साल में दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी के साथ ही रणनीतिक साझेदारी बढ़ी है.