एक्जिट पोल के बाद दुर्ग जिले की राजनीति में आई गर्माहट
एक्जिट पोल के बाद परिणाम को लेकर जगह जगह तर्क-वितर्क का दौर जारी
जिले की सभी छह सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी के जीत का कर रहे दावा
इससे आम मतदाताओं में चुनाव परिणाम को लेकर बनी उहापोह की स्थिति
भाजपा कार्यकर्ताओं को नतीजे में उलटफेर होने का कायम है भरोसा
भिलाई। दुर्ग जिले की छह विधानसभा सीटों पर एक्जिट पोल की संभावना के बाद जिले के सभी सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता चुनाव में बने समीकरण के आधार पर अपने-अपने प्रत्याशी के जीत का दावा कर रहे हैं।
एक्जिट पोल में इस बार फिर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना जताई गई है। इससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह दिखना स्वाभाविक है लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं में जो उत्साह नजर आ रहा है, उसे राजनीतिक पंडित कम आश्चर्यजनक नहीं मान रहे हैं। ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि एक्जिट पोल आने के बाद दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। इससे आम मतदाताओं में चुनाव परिणाम को लेकर उहापोह की स्थिति बन गई है।
गुरुवार की शाम को आए एक्जिट पोल के बाद दुर्ग जिले की राजनीति में गर्माहट भर गई है। एक्जिट पोल आने के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख पार्टी के कार्यकर्ताओं में अपनी-अपनी जीत के प्रति उत्साह में कोई कमी नहीं है।
ज्ञातव्य हो कि दुर्ग जिले में छह विधानसभा सीट है। इनमें जिले की पाटन विधानसभा प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट है। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में हैं। जबकि भाजपा ने यहां से अपने दुर्ग सांसद विजय बघेल को प्रत्याशी बनाया है। दोनों के बीच हुए मुकाबले में कांग्रेस के कार्यकर्ता जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जीत के प्रति आश्वस्त हैं। वहीं भाजपा के कार्यकर्ताओं में विजय बघेल की जीत को लेकर विश्वास कमजोर होने का नाम नहीं ले रहा है। जिले की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण सीट दुर्ग ग्रामीण है जहां से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कांग्रेस से तो ललित चन्द्राकर भाजपा से प्रत्याशी रहे हैं। यहां पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को फिर से श्री साहू के विधायक चुने जाने पर कोई संदेह नहीं है।
दूसरी तरफ भाजपा कार्यकर्ताओं को यहां के नतीजे में उलटफेर होने का भरोसा कायम है। दुर्ग शहर में कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा और भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव के बीच मुकाबला हुआ है। भाजपा से गजेंद्र को टिकट मिलने के बाद उन्हें अरुण वोरा के सामने कमजोर माना जा रहा था। लेकिन मतदान होने के बाद राजनीतिक पंडित यहां के परिणाम को लेकर फिफ्टी-फिफ्टी बता रहे हैं। इस वजह से दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखते बन रहा है। भिलाई नगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विधायक देवेंद्र यादव और भाजपा के दिग्गज नेता प्रेम प्रकाश पाण्डेय के बीच मुकाबला हुआ है। यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देवेंद्र यादव की जीत पर कोई संदेह नजर नहीं आ रहा है। जबकि भाजपा कार्यकर्ता अपने पक्ष में मतदान के दौरान अंडर करंट चलने का दावा करते हुए सकारात्मक परिणाम की उम्मीद से खुश हैं।
वैशाली नगर से कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश चन्द्राकर और भाजपा के रिकेश सेन के बीच भी जोरदार मुकाबला हुआ है। इसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मुकेश की जीत का भरोसा है। वहीं ऐसा ही भरोसा भाजपा कार्यकर्ताओं में रिकेश की जीत को लेकर देखने को मिल रहा है। जिले की अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित अहिवारा विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां अपनी.अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है। यहां कांग्रेस से निर्मल कोसरे प्रत्याशी हैं। वहीं भाजपा ने डोमन लाल कोर्सेवाड़ा को प्रत्याशी बनाया है। दोनों के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ है। जिसके बाद से ही दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं में अपनी.अपनी जीत को लेकर तर्क-वितर्क का दौर जारी है।
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