गुजरात के गरबा ने रचा इतिहास, यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में मिली जगह
गुजरात के गरबा ने रचा इतिहास, यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में मिली जगह
आज, सांस्कृतिक धरोहर की संरक्षण के लिए इंटरगवर्णमेंटल कमेटी ने अपने 18वें सत्र के दौरान ‘गरबा ऑफ गुजरात’ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिष्ठात्मक सूची में शामिल किया है। इस सत्र का आयोजन कसाने, बोट्सवाना में 5 से 9 दिसम्बर 2023 को हुआ है।
इसके साथ ही, गरबा ने भारत को इस सूची में 15वीं प्रविष्टि दिलाई है।
गुजरात की गरबा एक धार्मिक और भक्तिमय नृत्य है, जो गुजरात राज्य और पूरे भारत में नवरात्रि के त्योहार के दौरान नौ दिनों तक मनाया जाता है। यह त्योहार शक्ति देवी या शक्ति की पूजा के लिए समर्पित है। गरबा नृत्य के माध्यम से इस नारी शक्ति का सांस्कृतिक, प्रदर्शनी और दृश्यात्मक अभिव्यक्ति किया जाता है। गरबा का प्रदर्शन घरों और मंदिर के कुछाओं में, गाँवों के सार्वजनिक स्थानों, शहरी चौकों, सड़कों, और बड़े खुले मैदानों में होता है। इस प्रकार, गरबा एक समृद्धि भरे सामुदायिक घटना बन जाता है।