सर्दी आते ही लहसुन ने मारी ऊंची छलांग…
लहसुन की कीमतें पहले से ही बहुत ज्यादा हैं और आगे भी बढ़ सकती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि इस साल लहसुन की फसल खराब हुई है. इसकी वजह से आपूर्ति में कमी आई है और मांग बढ़ गई है.
महाराष्ट्र में अब मुंबई के थोक व्यापारी गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान से लहसुन खरीद रहे हैं. इससे रसद लागत और बाकी स्थानीय शुल्क बढ़ गए हैं. इसका असर लहसुन की कीमतों पर पड़ रहा है.
लहसुन की कमी के कारण, पिछले कुछ हफ्तों में इसकी कीमत में बढ़ोतरी हो गई है. व्यापारिक लोगों का मानना है कि यह स्थिति जल्दी सुधरने की संभावना नहीं है. लहसुन की कीमतों में अभी भी कोई कमी नहीं है.
कंज्यूमर्स को नए मूल्यों से भी परेशानी हो रही है, क्योंकि पिछले महीने इसे 100-150 प्रति किलोग्राम से ज्यादा के लिए बेचा जा रहा था, और अब यह 150-250 प्रति किलोग्राम के बीच है. इस बदलाव ने रिटेल कीमत को 300 से 400 प्रति किलोग्राम तक बढ़ा दिया है.
थोक बाजार में लहसुन की आवक कम हो गई है. पहले हर दिन 25 से 30 वाहन लहसुन लेकर आते थे, लेकिन अब केवल 15 से 20 वाहन ही आ रहे हैं. दक्षिणी राज्यों से तो लहसुन की आवक लगभग बंद हो गई है. एपीएमसी व्यापारियों के मुताबिक, ऊटी और मालापुरम से लहसुन की आपूर्ति में भारी गिरावट आई है. इससे महंगाई बढ़ गई है.
मानसून में अच्छी बारिश नहीं हुई, जिससे लहसुन की फसल कम हुई. दूसरी वजह है कि अक्टूबर और नवंबर में बेमौसम बारिश के कारण कई हिस्सों में फसल बर्बाद हो गई. व्यापारियों के मुताबिक, नई फसल को बाजार में आने में अभी समय लगेगा. ऐसे में तब तक कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है.