बिजली बिल हाफ योजना का अब क्या होगा?…
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में सत्ता बदल चुकी है… प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद… पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की बहुत सी महत्वपूर्ण योजनाएं बंद होने की आशंका जताई जा रही है… इन्हीं में से एक योजना है… बिजली बिल हाफ योजना…
अब इस योजना का क्या होगा इसे लेकर लोगों में संशय बना हुआ है… बिलासपुर संभाग में भी इस योजना से लाभान्वित होने वाले बहुत से लोग प्रभावित होंगे… देखिए इस पर हमारी यह खास रिपोर्ट…
2018 में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस योजना को शामिल किया था… जिसके बाद से छत्तीसगढ़ के 48 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल हाफ योजना का अब तक फायदा मिलता आ रहा था…
योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक बिजली उपयोग करने पर बिजली का बिल आधा होकर मिलता था… इस योजना के लिए राज्य सरकार को अपनी जेब से 4300 करोड रुपए देने पड़ते थे…
लेकिन सरकार फिर भी नुकसान वहन करते हुए इस योजना को संचालित कर रही थी… इसका सीधा असर राज्य के राजकोष पर पड़ रहा था… आम जनता को लाभ देने वाली इस योजना को लेकर लोगों का अलग-अलग रुख देखने को मिल रहा है…
जहां इस योजना को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि… इस योजना को बंद नहीं करना चाहिए वहीं कुछ लोगों के मन में इस बात को लेकर नाराजगी भी है कि इसका लाभ उन्हें नहीं मिला… साथ ही क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकारों का मानना है कि ये योजना आम जनता के हित में थी और ऐसी ही कोई योजना भाजपा को भी लानी चाहिए…
इस योजना को लेकर भाजपा का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं की समीक्षा की जाएगी… और अगर भाजपा को लगता है कि योजना आगे जारी रखनी चाहिए… तो इसे जारी रखा जाएगा… कांग्रेस सरकार ने भी भाजपा की कई योजनाओं को आगे बढ़ाया था…
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि इस तरह की जनकल्याणकारी योजना अगर बंद होती है… तो यह निम्न मध्यम वर्गीय और मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी चोट होगी… भाजपा को यह योजना जारी रखनी चाहिए… क्योंकि यह राजनीति का मुद्दा कहीं नहीं है… यह सीधे छत्तीसगढ़ की आम जनता के कल्याण का मुद्दा है…
छत्तीसगढ़ में नई सरकार बन चुकी है… यह बात तो तय है कि बहुत सी योजनाएं अब बंद होने जा रही हैं… इस बीच बिजली बिल हाफ योजना को लेकर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी स्पष्ट कहा है कि यह योजना बंद हो जाएगी… लेकिन वहीं भाजपा के कई बड़े नेताओं का यह भी कहना है कि…
अगर जनहित के मुद्दे हैं तो योजनाओं में आवश्यक परिवर्तन करके उन्हें जारी रखा जा सकता है… अब देखना होगा कि बिजली बिल हाफ योजना का अंततः क्या परिणाम होता है… और प्रदेश की आम जनता की जेब पर इस योजना के बंद होने से बढ़ने वाला भार कितना बढ़ता है…