November 22, 2024

भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा आयोजित एसपीएसबी अंतर इस्पात संयंत्र शतरंज प्रतियोगिता उद्घाटित

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र का क्रीड़ा, सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएं विभाग, 21 से 23 दिसम्बर 2023 तक तीन दिवसीय एसपीएसबी अंतर इस्पात संयंत्र शतरंज प्रतियोगिता-2023 की मेजबानी कर रहा है। जिसका आयोजन भिलाई निवास के एमपी हॉल में किया जा रहा है। जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र के अलावा 7 अन्य इस्पात संयंत्रों डीएसपी, इसको, आईएसपी, एसएसपी, आरआईएनएल, आरएसपी, टाटा स्टील प्लांट की टीमें हिस्सा ले रही हैं। प्रतियोगिता शतरंज फैडेरेशन ऑफ इंडिया के नियमानुसार खेली जायेगी।
प्रतियोगिता का विधिवत उद्घाटन 21 दिसम्बर 2023 को प्रातः 10.00 बजे भिलाई निवास के सभागार में, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। उक्त अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में सेल निगमित कार्यालय, नई दिल्ली से चीफ ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स श्री चिन्मय समाजद्वार, वाईस प्रेसिडेंट (एसपीएसबी) एवं मुख्य महाप्रबंधक (कार्मिक) श्री संदीप माथुर, अध्यक्ष (ओए और बीएसपी शतरंज क्लब) श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर, महाप्रबंधक (कार्मिक – नान् वर्क्स एवं खदान) श्री एस के सोनी, महाप्रबंधक (कार्मिक-ईडी पी एंड ए कार्यालय) श्री एस शेखर, महाप्रबंधक (जनसंपर्क) श्री प्रशांत तिवारी, उप-महाप्रबंधक (एल एण्ड ए) श्री सौमिक डे, उप महाप्रबंधक (एससीसीए) श्री एस आर जाखड़, जनरल सेक्रेटरी (ओए) श्री परविंदर सिंह सहित सहायक प्रबंधक (एससीसीए) श्री अभिजीत भौमिक, सहायक महाप्रबंधक (नंदनी माइंस) श्री अलंकार भिवगडे, अंर्तराष्ट्रीय फिडे निर्णायक श्री अनिश अंसारी, श्री मिथलेश बाजपेयी एवं बीएसपी के एससीसीए विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं कार्मिकगण उपस्थित थे।
उद्घाटन के अवसर पर श्री पवन कुमार ने प्रतियोगिता में शामिल सभी संयंत्रो के प्रतिभागियों का स्वागत व उत्साहवर्धन करते हुये, उन्हें अपने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन करने की शुभकामनायें दीं। उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र को इस चैंपियनशिप की मेजबानी का अवसर देने के लिए, डॉ. चिन्मय समाजद्वार को धन्यवाद दिया और कहा कि शतरंज एक प्राचीन खेल है और प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। सिर्फ खेलना ही एकमात्र चीज नहीं है, बल्कि इस तरह की चैंपियनशिप हमारे स्टील बिरादरी के अन्य व्यक्तियों के साथ जुड़ने, बातचीत करने और विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर भी प्रदान करती है। श्री पवन कुमार ने कहा, मुझे उम्मीद है कि आप सभी भिलाई से सुखद यादें लेकर जायेंगे।
डॉ. चिन्मय समाजद्वार ने अपने उद्बोधन में कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र हर पहलू में प्रसिद्ध है, चाहे वह उत्पादकता हो, खेल हो या सांस्कृतिक गतिविधियाँ हों, साथ ही संयंत्र की एक अद्भुत आयोजन क्षमता है। शतरंज दिमाग का खेल है और यह भारतीयों के खून में है। खेल लोगों को एक साथ लाने का सबसे अच्छा तरीका है और इसी उद्देश्य के साथ एसपीएसबी का मंच, स्टील उद्योग के दो दिग्गजों सेल और टाटा स्टील द्वारा बहुत पहले शुरू किया गया था। उन्होंने कहा, अब हम इस्पात उद्योग में अन्य इकाइयों के लिए भी एसपीएसबी का विस्तार करने के इच्छुक हैं, जिसके लिए भारतीय इस्पात उद्योग से भागीदारी की उम्मीद है।
श्री सही राम जाखड़ ने अतिथियों को विभिन्न इस्पात संयंत्रों से आए आठ टीमों के खिलाड़ियों से परिचित कराया। सभी प्रतिभागी टीमें भारतीय शतरंज संघ द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार इस चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
श्री एनके बंछोर ने सभी का स्वागत किया, जबकि उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन, एससीसीए विभाग के श्री सुप्रियो सेन ने किया। प्रतियोगिता का समापन समापन 23 दिसम्बर 2023 को संध्या 04:30 बजे भिलाई निवास में सम्पन्न होगा।
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दिनांक: 21.12.2023
भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय एवं सीएसआर द्वारा निक्षय मित्र कार्यक्रम – ‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ की समीक्षा बैठक आयोजित
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संचालित सेक्टर-9 स्थित जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत “निक्षय मित्र” के रूप में पंजीकृत है। माननीय प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत, 2025 तक क्षय रोग को समाप्त करने के लिए कार्यक्रम में सक्रिय योगदान देने हेतु एक स्पष्ट आह्वान किया था, जिसके परिणामस्वरूप आज संयंत्र का मुख्य चिकित्सालय भी इस अभियान का हिस्सा है।
इस कार्यक्रम की पहल 24 मार्च, 2023 को सीएसआर विभाग के सहयोग से जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र में लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत, जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र DOTS (डॉट्स) सेंटर में पंजीकृत टीबी रोगियों को गोद लिया जाना है और उन्हें श्वसन विभाग द्वारा उनके नैदानिक मूल्यांकन और फॉलो अप के साथ-साथ अस्पताल के आहार अनुभाग से आहार पर सलाह और मार्गदर्शन के साथ-साथ मुफ्त पोषण, निर्धारित समयावधि पर लैब टेस्ट और रेडियोलॉजिकल मूल्यांकन संबंधी सहायता प्रदान करना है। तपेदिक और सरकार द्वारा तपेदिक को खत्म करने की योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
जवाहरलाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र के श्वसन विभाग एवं डायटेटिक्स विभाग साथ मिलकर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ एम रविन्द्रनाथ ने की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ प्रमोद बिनायके, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ विनीता द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांए) डॉ के ठाकुर सहित एसीएमओ डॉ जीवन लाल, महाप्रबंधक (एम एंड एचएस) श्री शाहिद अहमद, महाप्रबंधक (एम एंड एचएस) श्री बलवीर सिंह और महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री शिवराजन विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार थे। बीएसपी के चिकित्सा एवं सीएसआर विभाग द्वारा इस पहल में निभाई गई भूमिका की प्रगति के संबंध में प्रस्तुति दी गई। साक्ष्य आधारित डेटा और टीबी के प्रबंधन में पोषण की भूमिका पर एचओडी (श्वसन चिकित्सा) डॉ त्रिनाथ दास द्वारा प्रस्तुति दी गई। (एम ओ) डॉ. विधान सरकार ने पिछले छह महीनों के डेटा और पोषण आहार के परिणामों को साझा किया। डायटेटिक्स विभाग से सुश्री बिजी पिल्लई ने बीएसपी द्वारा प्रदान किए गए पोषण संबंधी समर्थन और सहयोग पर प्रस्तुति दी, साथ ही इस कार्यक्रम के लिए अस्पताल के डायटेटिक अनुभाग द्वारा प्रदान की गई सेवाओं पर भी प्रकाश डाला गया। एसीएमओ (बाल रोग) डॉ एन एस ठाकुर ने, टीबी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जेएलएनएच एंड आरसी और सीएसआर विभाग द्वारा किए गए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। राज्य सरकार के अधिकारियों, स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉट्स टीम द्वारा प्रदान समर्थन हेतु आभार व्यक्त किया गया।
इस दौरान बीएसपी द्वारा उपलब्ध कराए गए राशन सामग्री से बनाए जा सकने वाले विभिन्न पारंपरिक स्वास्थ्यवर्धक पौष्टिक व्यंजनों को प्रदर्शित करने हेतु एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। टीबी के इलाज में पोषण की भूमिका को उजागर करने के लिए शिक्षाप्रद पोस्टर भी प्रदर्शित किए गए। कार्यक्रम में लाभार्थियों मरीज़ों ने भी अपने अनुभव साझा किए और उनके समर्थन व सहयोग के लिए डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ ,पैरामेडिकल स्टाफ और बीएसपी को धन्यवाद दिया।
श्री पवन कुमार ने सभी को संबोधित करते हुए तपेदिक को खत्म करने के इस अभियान में चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा टीम के उत्साह और प्रयासों की सराहना की और कार्यक्रम के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने सीएसआर गतिविधि के तहत कार्यक्रम शुरू करने के लिए सीएसआर विभाग की भी सराहना की। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 192 रोगियों को लाभ हुआ है, जिनके उत्कृष्ट परिणाम सामने आए हैं, जिनमें वजन बढ़ना, फेफड़ों के घाव का शीघ्र एक्स-रे क्लीयरेंस, रक्त मापदंडों में महत्वपूर्ण सुधार शामिल है। बहुत से रोगी इसके नियमित पालन से स्वस्थ हुए हैं।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री पारोमिता दासगुप्ता ने किया और सुश्री सुरजा जया प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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दिनांक: 21.12.2023
लम्प ओर क्रशिंग यूनिट – सिद्ध होगी भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए एक गेम चेंजर
भिलाई इस्पात संयंत्र के ओएचपी-बी में बहुप्रतीक्षित लम्प आयरन अयस्क क्रशिंग यूनिट का उद्घाटन, सिंटर संयंत्रों को आपूर्ति किए जाने वाले लौह अयस्क फाइन की गुणवत्ता में सुधार हेतु संयंत्र के लिए कई मायनों में एक गेम चेंजर साबित होगा। संयंत्र के खदानों से सिंटर संयंत्रों को आपूर्ति किए जाने वाले लौह अयस्क के बारीक़ टुकड़ों (फाइन्स) की गुणवत्ता बनाए रखना संयंत्र के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। संयंत्र के अयस्क खदानों से आपूर्ति किए जा रहे लौह अयस्क के फाइन्स की गुणवत्ता, उच्च गैंग घटक, कम Fe सामग्री और अधिकतम मात्रा में माइनस (-) 1 मिमी फ्रैक्शन के कारण खराब हो गई है। इस प्रकार निम्न गुणवत्ता वाले लौह अयस्क के फाइन्स से उत्पादित सिंटर को जब ब्लास्ट भट्टियों में चार्ज किया जाता है, तो स्लैग दर, कोक दर और फ्लक्स संरचना में वृद्धि के साथ ईंधन दर में भी वृद्धि होती है। परिणामस्वरूप ऊर्जा दर में वृद्धि होगी और उत्पादित हॉट मेटल के प्रति टन कार्बन उत्सर्जन में भी वृद्धि होगी।
नई क्रशिंग यूनिट लौह अयस्क के लम्प को क्रश करके उन्हें फाइन्स में बदल देगी, जिसका उपयोग सिंटर प्लांट द्वारा सिंटर बनाने के लिए किया जाएगा। इस प्रकार क्रश्ड हुए लौह अयस्क के फाइन्स से तैयार सिंटर को लोहा बनाने के लिए ब्लास्ट भट्टियों में चार्ज किया जाता है। उच्च Fe सामग्री और कम गैंग घटक के कारण क्रशिंग यूनिट से उत्पन्न लौह अयस्क फाइन्स की गुणवत्ता, हमारी घटती कैप्टिव खदानों से आपूर्ति किए गए फाइन की तुलना में बेहतर है। इस प्रकार, ऐसे उच्च गुणवत्ता वाले क्रश्ड लौह अयस्क के फाइन्स से उत्पादित सिंटर में Fe की मात्रा अधिक होगी, जो स्लैग दर व कोक दर को पूरी तरह से कम करने के साथ-साथ धमन भट्टियों की उत्पादकता बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।
क्रशर यूनिट में क्रश्ड हुए लौह अयस्क के फाइन्स से उत्पादित सिंटर हाई स्ट्रेंथ और बेहतर गुणवत्ता की है, जिसके परिणामस्वरूप हॉट मेटल उत्पादन की तकनीकी-आर्थिक मूल्यांकन या तकनीकी-आर्थिक विश्लेषण में महत्वपूर्ण सुधार होता है। साथ ही यह ऊर्जा की खपत और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा, जिससे पर्यावरण पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव को कम किया जा सकेगा। इसके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं, जिसमें औसत गैंग घटक की मात्रा पहले की तुलना में बहुत कम है। क्रश्ड अयस्क फाइन्स की पहली खेप दो दिन पहले सिंटर प्लांट-3 के लिए एमजीआर को भेजी गई थी। सेल की अन्य इकाइयों द्वारा अब जल्द ही अपनी संबंधित इकाइयों में अयस्क क्रशिंग का कार्य शुरू करने की उम्मीद है।
इस परियोजना को प्लानिंग और अनुमोदन चरण से लेकर कमीशनिंग और उत्पादन तक तीन महीने की रिकॉर्ड समय अवधि में पूरा किया गया। ओएचपी-बी में भंडारित लौह अयस्क ल्म्प्स से पूर्ति किये जाने वाले क्रशिंग यूनिट की उत्पादन क्षमता, प्रति माह 50,000 टन लौह अयस्क उत्पादन की है। सिंटर बनाने में अत्याधुनिक क्रशिंग यूनिट वजन मापने और भेजे गए उत्पाद के रिकॉर्ड के लिए, पूरी तरह से स्वचालित, मानव रहित वे ब्रिज के साथ सीसीटीवी कैमरा व आरएफआईडी तकनीक से युक्त है।
नई क्रशिंग यूनिट का उद्घाटन निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा 9 दिसंबर 2023 को संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं), श्री एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री ए के चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (रावघाट) श्री समीर स्वरूप, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (माइंस) श्री बी के गिरी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डाॅ एम रविन्द्रनाथ, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) श्री तापस दासगुप्ता और मुख्य महाप्रबंधक (ओएचपी) श्री एच के पाठक सहित संयंत्र के मुख्य महाप्रबंधक प्रभारीगण, मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारिगण की उपस्थिति में किया गया था।
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