November 23, 2024

बढ़ेगी धान खरीदी की तारीख…

बढ़ेगी धान खरीदी की तारीख…!लक्ष्य से कोसो दूर नजर आ रही खरीदी…बढ़ सकती है धान खरीदी की तारीख…

छत्तीसगढ़ में एक नवंबर से धान की खरीदी जारी है. प्रदेश में धान बेचने के लिए 26.86 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है. लेकिन धान बेचने के लिए अब तक 8 लाख 55 हजार किसानों ने ही अपना धान बेचा है. जिसके बाद प्रदेश में धान की खरीदी की तारीख बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हो रही है. वहीं इसे लेकर सियासत भी शुरु हो चुकी है. देखिए यह रिपोर्ट…

छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहा जाता है. यहां के किसान प्रमुख रूप से धान की खेती करते है. प्रदेशभर में धान बेचने के लिए 26.86 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है. जिसमें से केवल 8 लाख 55 हजार किसानों ने ही अपना धान बेचा है.

19 दिसंबर के आंकड़ों को देखे तो अब तक प्रदेश में 38.88 लाख मीट्रिक टन धान की ही खरीदी हो पाई है. ऐसे में 130 लाख मीट्रिक टन की खरीदी से सरकार कोसो दूर नजर आ रही है. वहीं धान खरीदी की तारीख बढ़ाने को लेकर भी मांग उठने लगी है.

जबकि कांग्रेस ने इस मामले में सरकार पर तंज कसा है. कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार के धान के संबंध में अनिर्णय की स्थिति की वजह से उहापोह की स्थिति है. यही वजह है कि धान खरीदी केंद्रों में किसान नहीं पहुंच रहे है.

सरकार ने 31 सौ रुपए धान खरीदी और एकमुश्त भुगतान को लेकर कोई भी निर्णय नहीं लिया है. जिसकी वजह से यह स्थिति पैदा हुई है. धान खरीदी की तारीख आगे बढ़ाना ही होगा.

राज्य में इस साल 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है. धान बेचने के लिए 26.86 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है. पंजीकृत रकबा 33.15 लाख हेक्टेयर है. इस साल धान बेचने के लिए 2.59 लाख नवीन किसानों ने पंजीयन कराया है.

टार्गेट को देखे तो धान खरीदी की रफ्तार बहुत धीमी नजर आ रही है. ऐसे में धान खरीदी की तारीख बढ़ाने को लेकर भी मांग उठने लगी है. वहीं मामले को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि धान खरीदी के समय बढ़ाने को लेकर मांग आ रही है.

जरूरत पड़ा तो निश्चित रूप से धान खरीदी का समय बढ़ाएंगे.छत्तीसगढ़ में जहां 1 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है. दूसरी ओर धान खरीदी की रफ्तार में तेजी नहीं देखने को मिल रही है. ऐसे में सरकार अपने लक्ष्य से कोसो दूर नजर आ रही है. ऐसी ही स्थिति बनी रहती है तो सरकार को धान खरीदी की तारीख बढ़ानी पड़ सकती है. अब देखना होगा कि धान खरीदी की रफ्तार बढ़ाने के लिए सरकार क्या पहल करती है