विधायक ललित चंद्राकर ने रिसाली में बांटे श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा आमंत्रण पत्रक,लोगों से की यह अपील*
*विधायक ललित चंद्राकर ने रिसाली में बांटे श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा आमंत्रण पत्रक,लोगों से की यह अपील
भिलाई। दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने गुरुवार को रिसाली के मैत्री नगर में रामभक्तों के साथ घर घर जाकर श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण पत्रक व अक्षत बांटा। इस दौरान लोगों से श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अपने घरों में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाने की अपील की। विधायक ललित चंद्राकर के साथ आमंत्रण पत्रक देने बड़ी संख्या में राम भक्त शामिल हुए। क्षेत्र के लोग भी आमंत्रण पत्रक लेने घरों से बाहर निकले और जय श्रीराम के नारे लगाए। इस अवसर पर पार्षद श्रीमती सुनंदा चंद्राकर, सांसद प्रतिनिधि दीपक (पप्पू ) चंद्राकर, अनिल मिश्रा, गिरजा शंकर पोड़े, सतीश दुबे, उमेश पाण्डेय एवं समस्त मैत्रीनगर वासी उपस्थित हुए l
बता दें 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम की भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव होगा। इसके लिए देशभर में रामभक्तों द्वारा आमंत्रण पत्रक बांटे जा रहे हैं। श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने इस पत्रक के जरिए कहा है कि आगामी पौष शुक्ल, द्वादशी, विक्रम संवत् 2080, सोमवार (दिनांक 22 जनवरी, 2024) के शुभदिन, प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को, श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण-प्रतिष्ठा की जायेगी।
इस अवसर पर अयोध्या में अभूतपूर्व आनन्द का वातावरण होगा। आप भी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन (पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 01:00 बजे के मध्य) अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी में स्थित किसी मंदिर में आस-पड़ोस के राम भक्तों को एकत्रित करके, भजन-कीर्तन करें, टेलीविजन अथवा कोई पर्दा (LED स्क्रीन) लगाकर अयोध्या के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखायें, शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण करें।
कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर केन्द्रित रहे, अपने मंदिर में स्थित देवी-देवता का भजन-कीर्तन-आरती-पूजा तथा “श्रीराम जय राम जय जय राम” इस विजय मंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करें। इसके साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र आदि का सामूहिक पाठ भी कर सकते हैं। सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे, सम्पूर्ण भारत का वातावरण सात्विक एवं राममय हो जायेगा। प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएँ; दीपमालिका सजायें, विश्व के करोड़ों घरों में दीपोत्सव मनाया जाये।