November 24, 2024

हत्या के 11 दिन बाद नहर में मिली मॉडल दिव्या पाहुजा की लाश, पीठ पर बने टैटू से हुई पहचान

गुरुग्राम: दिव्या पहुजा हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बीते कई दिनों से दिव्या का शव तलाश रही पुलिस ने आखिरकर शव बरामद कर लिया है। शव की तलाश करने के लिए NDRF का 25 सदस्यीय दल पटियाला पहुंचा था। NDRF की टीम गुरुग्राम एवं पंजाब पुलिस के साथ मिलकर पटियाला से खनौरी बॉर्डर तक नहर में शव की तलाश कर रही थी। किन्तु दिव्या पाहुजा की लाश हरियाणा के टोहाना नहर से बरामद हुई ।नहर से शव निकालने के पश्चात् उसकी एक तस्वीर पुलिस ने दिव्या के परिवार वालों को भेजी, जिसे देखकर उन्होंने ने लाश की पहचानकी। गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की 6 टीमें शव को ढूंढने में लगी थीं।

गत 2 जनवरी को गुरुग्राम के द सिटी पॉइंट होटल के रूम नंबर 111 में दिव्या का गोली मारकर क़त्ल किया गया था। इस वारदात को होटल के मालिक अभिजीत सिंह ने अंजाम दिया था। इस मामले में पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार बलराज नाम के दोषी से पूछताछ के पश्चात् हरियाणा पुलिस को दिव्या पाहुजा की लाश बरामद करने में सफलता मिली। बलराज ने ही पुलिस को बताया था कि उसने दिव्या की लाश हरियाणा के टोहाना नहर में फेंकी थी। दरअसल, दिव्या पाहुजा मर्डर केस के मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह ने शव को ठिकाने लगाने का काम अपने गुर्गे बलराज गिल को सौंपा था।

बलराज देश छोड़कर बैंकॉक भागने की फिराक में था। उसे और रवि बंगा को कोलकाता हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया गया था। बलराज गिल अपने मालिक अभिजीत की बीएमडब्ल्यू कार की डिग्गी में दिव्या का शव डालकर उसे ठिकाने लगाने के लिए निकला था। इस काम में रवि बंगा उसका साथ दे रहा था। अभिजीत सिंह ने अपने होटल के दो स्टाफ के साथ मिलकर दिव्या की लाश को एक कंबल में लपेटा था तथा अपनी BMW कार की डिग्गी में रख आया। फिर उसने अपने खास गुर्गे बलराज को कार की चाबी सौंपी तथा शव को ठिकाने लगाने के लिए कहा। अभिजीत ने उसे इस काम के लिए 10 लाख रुपये भी दिए थे।

गुरुग्राम अपराध शाखा ने इस हत्याकांड में 6 दोषियों को नामजद किया है, जिनमें मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह, हेमराज, ओम प्रकाश, मेघा, बलराज गिल एवं रवि बंगा के नाम सम्मिलित हैं। ये सभी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। दिव्या पाहुजा (27) बलदेव नगर गुरुग्राम की रहने वाली थी। उसकी छोटी बहन नैना ने मीडिया से चर्चा के चलते बताया था कि उसकी दिव्या से अंतिम बातचीत 2 जनवरी दोपहर 12 बजे के करीब हुई थी। दिव्या ने कहा था कि वह आधे घंटे में घर पहुंच रही है, किन्तु जब शाम 6 बजे तक वह नहीं लौटी तो घरवालों को संदेह हुआ कि कहीं कुछ तो बुरा हुआ है। नैना की शिकायत पर गुरुग्राम के सेक्टर-14 पुलिस स्टेशन में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था।