पीएमजीएसवाय (PMGSY)विभाग एवं ठेकेदार की लापरवाही से तीन साल में भी नही हो पाया सड़क का कार्य पूरा।
ठेकेदार ने सड़क सहित पुल को छोड़ा अधूरा,ग्रामीण अब तीन किलोमीटर के सफर के लिए दस किलोमीटर लगा रहे चक्कर।
ठेकेदार ने विभागीय अधिकारी से मिलीभगत कर पुल निर्माण में किया बड़ा भरस्टाचार,टूटे पुल पर ही वापस खड़ा किया स्ट्रक्चर।
सड़क के निर्माण के दौरान बनाया दो पाइप का पुल।।
एक जगह लगाया क्षतिग्रस्त एंव टूटे पाईप तो दूसरे पुल के पाइपों को वापस निकाल के ले गया ठेकेदार।
बीजापुर-बीजापुर जिले में पीएमजीएसवाय (PMGSY) के भरस्टाचार के नए नए कारनामे प्रतिदिन उजागर हो रहे है।बीजापुर में विभाग के अधिकारी-ठेकेदारों के साथ मिलकर भारी भरकम कमीशन देकर कार्यो में लिपापोती कर सरकारी राशि को डकारने में लगे है।जिसकी पहले भी कई खबरे प्रकाशित हो चुकी है।
ऐसा ही एक मामला भोपालपट्टनम क्षेत्र के मोठलागुड़ा-कोत्तगुड़ा सड़क को लेकर आया,जिसमे रायगढ़ की गुप्ता कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा तीन किलोमीटर की सड़क को तीन साल में भी पूरा नही किया गया।जिसके चलते वँहा के ग्रामीण परेशान है।
गुप्ता कंस्ट्रक्शन कंपनी रायगढ़ द्वारा विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर सड़क में भारी अनियमितता के साथ भरस्टाचार को अंजाम देते हुए बिना मापदंड के मुरूम कार्य तो किया ही साथ मे पुल निर्माण के दौरान बरसात में पुल बह जाने पर उसी पुल के ऊपर वापस स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया एंव आज कई महीने के बाद भी ये पुल अधूरा पडा है।
वन्ही इस सड़क निर्माण में दो जगह पाइप पुलिये का निर्माण किया गया जिसमें अधिकारी – इंजीनियर से साठगांठ कर एक जगह टूटे पाइपो को लगाया तो दूसरी जगह से पाइप पुल बनाने के बाद वापस पाइप निकाल ले जाने की बात भी ग्रामीणों ने कही
*गोलमाल है भाई गोलमाल है एक सड़क तीन बोर्ड,बड़े भरस्टाचार का अंदेशा*
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान बड़े भरस्टाचार को अंजाम देने की मंशा से मोटलागुड़ा से कोत्तगुड़ा सड़क के तीन बोर्ड एक ही जगह लगाए गए है जिसमे अलग-अलग पैकेज क्रमांक है लेकिन सड़क एक ही नजर आ रही है,तीनो बोर्ड में से दो बोर्ड में सड़क को तीन किलोमीटर बताया गया है तो एक बोर्ड में आठ किलोमीटर बताया गया है,वन्ही बोर्ड में आधी अधूरी जानकारी भी अंकित की गई है।
*मामले को लेकर पीएमजीएसवाय (PMGSY) के कार्यपालन अभियंता (EE) ने पत्रकारो को किया गुमराह,नही दी जानकारी*
पूरे मामले को लेकर जब विभागीय अधिकारी सुरेस नागेश से आफिस जाकर समय मांगा गया तो उन्होंने पत्रकारो को काफी देर इंतजार कराने के बाद भी मिलना मुनासिब नहीं समझा।