लोकसभा सांसद प्रत्याशी के रूप में बृजमोहन ने ठोकी ताल कांग्रेस में तीन नामों की जर्बदस्त चर्चा
नाम पहुंचा दिल्ली हाई कमान की झोली में, फैसला लेगा हाईकमान
भिलाई। छग में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद इस साल होने वाले दुर्ग लोकसभा चुनाव के विधिवत घोषणा के पहले ही चुनाव प्रचार के लिए दीवारों में वाल राइटिंग का काम अभी से शुरू हो गया है। इसी कडी में कांग्रेस से सांसद प्रत्याशी के रूप में बृजमोहन सिंह ने भी अपनी दावेदारी वरिष्ठ नेताओं के सामने करते हुए स्वयं को टिकिट दिये जाने की मांग की है।
यदि मुझे दुर्ग लोकसभा का प्रत्याशी बनाया जाता है तो मैं रिकार्ड मतो से जीत हासिल कर पिछले चुनाव में जहा भाजपा की जीत हुई थी तो दुर्ग लोकसभा की इस सीट को भाजपा से छीन कर कांग्रेस की झोली में डालने का काम करूंगा क्योंकि मैं झूठ नही सच व परिश्रम करके ही लगातार आगे बढते हुए जनसेवा का कार्य करते रहा हूं जिसके कारण आम जनता में मेरी लोकप्रियता के साथ ही स्वच्छ छवि की है।
भिलाई साडा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं वैशाली नगर के पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी बृजमोहन सिंह ने हमारे संवाददाता से चर्चा करते हुए बताया कि शुरूआती दौर से ही वह कांग्रेस के लिए पूरी निष्ठा, ईमानदारी व परिश्रम के साथ लगातार कांग्रेस के लिए काम करते आ रहे है। कई चुनाव में वे कई जगहों के प्रभारी भी रहे और इनके रणनीति से उन प्रत्याशियों की जीत भी हासिल हुई।
ज्ञातव्य हो कि 2008 के विधानसभा चुनाव में वे भाजपा की राष्ट्रीय नेत्री सुश्री सरोज पाण्डेय के विरूद्ध कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड चुके है जहां उन्हें सरोज पाण्डेय से पराजय का सामना करना पडा थे। वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भिलाई से महापौर का चुनाव भी लडे थे जिसमें उन्होनेे अपनी जबर्दस्त दमदारी भी दिखाई थी।
कांग्रेस नेता बृजमोहन सिंह के राजनैतिक सफर की बात करे तो सन 1982-1984 में बृजमोहन सिंह कल्याण महाविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में रविशंकर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि, 1984 में विश्वविद्यालय छात्रसंघ के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। वहीं 1987 से 1991 तक युवक कांग्रेस भिलाई नगर के अध्यक्ष रहे। उस समय श्री सिंह ने हजारों युवाओं को यूथ कांग्रेस से जोडा। उस समय वैशाली नगर का पूरा व भिलाई नगर का पूरा एवं दुर्ग ग्रामीण का आधा हिस्सा आता था जिसमें युवाओं को उन्होंने बडी संख्या में जोडकर कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने का कार्य किय। 1982 में एनएसयूआई का प्रदेश अध्यक्ष उन्हें बनाया गया।
बृजमोहन सिंह की काबलियत व उनकी राजनैतिक योग्यता व सक्रियता को देखते हुए यूथ कांग्रेस को और अधिक मजबूती प्रदान करने 1991 में मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस का प्रदेश महासचिव बने। इसके बाद उन्हें सन 1994 में साडा उपाध्यक्ष भी बनाया गया। उस समय भिलाई विकास प्राधिकरण यानि साडा में शिवनाथ नदी से लेकर कुम्हारी तक पांच विधानसभा का क्षेत्र इनके कार्यकाल में उस दौरान आता था। उन्होंने साडा उपाध्यक्ष रहते हुए डटकर विकासकार्यों को अंजाम दिया। उसी समय से श्री सिंह की लोकप्रियता और बढ गई। इसके पश्चात सन 2004 में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कोसानाला का इन्हें प्रथम अध्यक्ष नियुक्त गया। वहीं दल्ली राजहरा नगर पालिका चुनाव में इन्हें दो बार प्रभारी बनाया गया और सन 2008 में पहली बार अस्तित्व में आये वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र से इस विधानसभा चुनाव में बृजमोहन को भाजपा की राष्ट्रीय नेत्री एवं भाजपा प्रत्याशी सुश्री सरोज पाण्डेय के विरूद्ध चुनाव लडने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित किया जिसमे श्री सिंह इस चुनाव में सरोज पाण्डेय से पराजित हो गये। बृजमोहन सिंह ने बताया कि जबसे 2008 के चुनाव में मैं पराजित हुआ हूं, उसके बाद आज तक मेरी उपेक्षा की जा रही है। एक बार पराजित होने के बाद मुझे दूसरी बार मौका नही दिया। कांग्रेस पार्टी में निष्क्रीय और जूनियर लोगों को लगातार मौका मिला लेकिन इतने लंबे अंतराल के बाद भी मेरी निष्ठा का फल मुझे नही मिला और ना ही मैं किसी पद में हूं। चुनाव में पराजय के बाद से ही मैं उपेक्षित हूं।
लोकसभा चुनाव के लिए वाल राइटिंग लिखवाने के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री सिंह ने कहा कि सभी चुनाव से पूर्व व चुनाव के दौरान सभी पार्टिया अपना स्लोगन और नारे लिखती है और नये नये नारे चुनाव प्रचार के समय बनाया जाता है और लिखवाया जाता है, इसके बगैर राजनीति नही होती है। श्री सिंह ने आगे कहा कि पूरे जीवन भर मैंने पार्टी नेतृत्व के लिए निष्ठा से कार्य किया। 2008 मे चुनाव में पराजय के बाद भी पूरी निष्ठा और मेहनत तथा लगन के साथ पिछले 17 सालों से अधिक समय से मैं पार्टी से उपेक्षित रहने के बाद भी पूरी सक्रियता के साथ कार्य करते आ रहा हूं, क्योंकि मैं शुद्ध कांग्रेसी हूं और मुझे कांग्रेस से बेहद लगाव है।
कांग्रेस नेता श्री सिंह ने भाजपा को आडे हाथों लेते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी सिर्फ लुभावने वादा करती है और धर्म का आड लेती है काम कुछ नही करती है। लच्छेदार भाषणों, झूठे लोकलुभावान वादे कर लोगों के भावनाओं से खिलवाड कर चुनाव जीतने का काम भाजपा करती है। कांग्रेस की रीति व नीति में बहुत अंतर है। कांग्रेस झूठ व फरेब की राजनीति नही करती है। कांग्रेस का हाथ हमेषा गरीबों और आम जनता के साथ होता है। पिछले पांच सालों में कांग्रेस के मुखिया भूपेश बघेल ने छग में चहुंमुखी विकास किया।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा जिस डिजिटल इंडिया का विरोध करती थी, आज उसी को अपनाकर राजनीति कर रही है। केन्द्र की भाजपा सरकार कांग्रेस की तमाम केन्द्र की योजनाओं का नाम बदलकर अपना बताकर भाजपा काम कर वाहवाली लेने का काम कर रही है। भाजपा वोटों के लिए नफरत की लडाई व धार्मिक उन्माद फैलाकर अपना राजनैतिक रोटी सेकने का काम कर रही है। राज्य की भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव के समय जो वादे किये उसमें किसी भी वादे पर अमल नही हो रहा है। चाहे वह महतारी वंदन योजना हो, या अन्य कोई भी वादे हो। अधिकांश महिलाओं को हर साल 12 हजार रूपये ना देना पडे इसके लिए उसके नियम व शर्त कडे कर दिये है। इसी प्रकार पांच सौ रूपये में गैस सिलेंडर देने की बात चुनाव जीतने के लिए की थी और चुनाव जीतने के बाद उसे केवल उज्जवला के उपभोक्ताओं को ही इसका लाभ बीपीएल धारी व अन्य लोगों को इसका लाभ नही देकर राज्य की लाखों जनता के साथ छल कर रही है। भाजपा के लोग सिर्फ जनता को बेवकूफ बना रहे है।
बॉक्स में
कांग्रेस में दुर्ग लोकसभा से तीन नामों की जर्बदस्त चर्चा,
आगामी महिने में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनो पार्टियों ने अपनी तैयारियां जबर्दस्त तरीके से षुरू कर दी है, वही अपने अपने पार्टी से लोकसभा चुनाव लडने के लिए प्रत्याषियों के चयन पर भी मंथन षुरू कर दिये है। कांग्रेस खेमे से दुर्ग लोकसभा से तीन लोगों के नामों के नामों के जबर्दस्त चर्चा है जिसमे प्रदेष के पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू एवं किसान नेता राजेन्द्र साहू दुर्ग और भिलाई से पूर्व साडाउपाध्यक्ष बृजमोहन सिंह षामिल है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन तीनों का नाम दिल्ली हाइकमान तक पहुंच गया है। दुर्ग लोकसभा से कांग्रेस के प्रत्याषी के नाम पर दिल्ली हाईकमान ही मुहर लगायेगी। देखना ये है कि आखिर हाईकमान इन तीनों में किस नेता को इस बार लोस चुनाव लडने के लिए मौका देती है या अंत में किसी और पर अपना दाव खेलेगी। दिल्ली हाईकमान में ये जो तीनों नाम जाने की चर्चा है इसमें एक ओर जहां पूर्व गृहमंत्री एवं यहां के पूर्व सांसद रह चुके ताम्रध्वज साहू और किसान नेता राजेन्द्र साहू जहां ओबीसी वर्ग के साहू समाज से दुर्ग से है, वही बृजमोहन सिंह सामान्य वर्ग से और भिलाई से है। एक ओर जहां पूर्व सांसद व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सांसद रहने के दौरान सोनिया गांधी से और राहुल गांधी के बेहद करीबी रहे है। वहीं राजेन्द्र साहू किसान नेता है और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेष बघेल के बेहद करीबी नेता है और भूपेष बघेल के मुख्यमंत्रीत्वकाल में उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम किया है, इसी के प्रतिफल में इन्हें जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी श्री बघेल ने बनाया था। जबकि बृजमोहन सिंह मोतीलाल वोरा परिवार के बेहद रहे है, ताम्रध्वज साहू व राजेन्द्र साहू की पहचान जहां ग्रामीण परिवेष से है वहीं बृजमोहन सिंह की पहचान षहरी क्षेत्र से है। पूर्व साडा उपाध्यक्ष बृजमोहन सिंह ने तो बकायदा अभी से वाल पेटिंग भी कराना षुरू कर दिया है।
000000