बीएसपी द्वारा ‘बॉयलरों का कुशल संचालन और रखरखाव’ विषय पर आयोजित कार्यषाला सम्पन्न
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के पीबीएस विभाग द्वारा 08 फरवरी 2024 को भिलाई निवास में ‘बॉयलरों के कुशल संचालन और रखरखाव’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला केंद्रीय बॉयलर बोर्ड (उद्योग और आंतरिक व्यापार वर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा प्रायोजित तथा राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संगठन) द्वारा संचालित है।
इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रूप में बॉयलर के मुख्य निरीक्षक (बॉयलर निरीक्षणालय, छत्तीसगढ़ सरकार) श्री गुंजन शुक्ला उपस्थित थे। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में कार्यपालक निदेषक (वक्र्स) श्री अंजनी कुमार उपस्थित थे। साथ ही मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) श्री तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सेवाएं) श्री पी के सरकार, क्षेत्रीय निदेशक (एनपीसी) श्री अविजित नायक और महाप्रबंधक (बिजनेस यूनिट हेड, एनएसपीसीएल, भिलाई) श्री सोमनाथ चट्टोपाध्याय मंच पर उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधकगण तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण और कार्मिकगण भी मौजूद थे।
बीएसपी, एनएसपीसीएल, एसबीपीडीसीएल, बीपीएससीएल, आईएसपी, आरएसपी, डीएसपी सहित विभिन्न पावर प्लांट्स और इस्पात संयंत्रों में बॉयलर संचालन और रखरखाव गतिविधियों के इंजीनियरों, सुपरवाइजरों सहित अन्य लोगों ने प्रतिनिधी के रूप में इस कार्यशाला में भाग लिया।
सीआईबी (छ.ग. सरकार) श्री गुंजन शुक्ला ने कार्यषाला को संबोधित करते हुए कहा कि औद्योगिक बॉयलर संयंत्रों और रिफाइनरियों में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इंजीनियर, पर्यवेक्षक और ऑपरेटर द्वारा राज्य भर में विभिन्न कारखानों में बॉयलर संचालन का प्रबंधन किया जा रहा है। इस तरह के सामूहिक विचार-मंथन के अवसरों से न केवल हमारे अनुभवों और अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान होता है, बल्कि हमारा समय और दक्षता भी अनुकूलित होती है। यह कार्यशाला प्रतिभागियों को बॉयलरों के कुशल संचालन और रखरखाव के लिए अधिक कुशल, सस्टेनेबल और पर्यावरण-अनुकूल तरीकों के रास्ते तलाशने में मदद करेगी।
कार्यपालक निदेषक (वक्र्स) श्री अंजनी कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की अर्थवयवस्था विकास के पथ पर तेजी से बढ़ रही हैै। जिसके फलस्वरूप हमारी उर्जा की खपत भीे अधिक है, जो बदले में पर्यावरण पर बड़े पैमाने पर कार्बन फुटप्रिंट छोड़ती है। हमें अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए अपने संसाधनों को संरक्षित करने की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है। साथ ही अपनी भावी पीढ़ियों के लिए पर्याप्त संसाधन के संचय करने की भी आवश्यकता है। हमारे उद्योगों में बॉयलर्स, ऊर्जा उत्पादन और अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए इनकी दक्षता में सुधार करना और ऊर्जा लागत को कम करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए इंजीनियरिंग और रखरखाव प्रबंधकों को बॉयलर के प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले कारकों पर बारीकी से ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, मुझे आशा है कि यह कार्यशाला इस दिशा में आपके लिए लाभप्रद होगी।
मुख्य महाप्रबंधक (पावर फैसिलिटीज-बीएसपी) श्री राजीव पांडे, ने स्वागत भाषण दिया और कार्यशाला के विषय और उद्देश्यों पर जानकारी दी। श्री तापस दासगुप्ता, श्री पीके सरकार, श्री अविजित नायक और श्री सोमनाथ चट्टोपाध्याय ने भी प्रतिनिधियों को संबोधित किया और कार्यशाला के विषय पर अपने विचार साझा किए।
इस कार्यशाला के अंतर्गत प्रत्येक सत्र में दो मुख्य वक्ताओं के साथ कुल दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। आरडी (एनपीसी) श्री अविजीत नायक, ने ‘बॉयलरों में ऊर्जा परिदृश्य और निष्पादन मूल्यांकन’ पर एक शोध पत्र प्रस्तुत किया, वहीं एजीएम (जेएसपीएल-अंगुल) श्री पद्मनाभ सामंत्रे ने ‘बॉयलरों में कुशल संचालन प्रथाओं’ पर शोधपत्र प्रस्तुत किया। प्रबंधक (पीबीएस-बीएसपी) श्री स्वराज जोडे ने ‘भिलाई स्टील प्लांट में मोडेक्स बॉयलरों के संचालन दर्शन’ पर तथा औद्योगिक सुरक्षा विषेषज्ञ श्री सीए मोहंती ने कार्यशाला में ‘बॉयलर परिचालन सुरक्षा पहलुओं’ पर आधारित तकनीकी सत्र का संचालन किया।
कार्यक्रम में महाप्रबंधक (पीबीएस) श्री शेख जाकिर ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कार्यषाला का संचालन कनिष्ठ अधिकारी (पीबीएस-बीएसपी) श्री एस एन देशमुख ने किया।
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दिनांक 08.02.2024
संयंत्र के प्लेट मिल में गुणवत्ता सुधार हेतु व्यापक अनुरक्षण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता
भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा, भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और अन्य युद्धपोतों के लिए वांछित ग्रेड के प्लेटों आपूर्ति करने के साथ ही, उपग्रह प्रक्षेपण वाहनों के लिए विशेष ग्रेड के प्लेटों की रोलिंग करने वाले, प्लेट मिल की स्थापना वर्ष 1983 में की गई थी। जो पिछले चार दशकों के दौरान देश के विभिन्न परियोजनाएं और ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करते हुए, लगभग 34 मिलियन टन प्लेटों का उत्पादन कर चुकी है। इस प्लेट मिल में चल रहे 42 दिवसीय कैपिटल रिपेयर का निरीक्षण करने, दिनांक 08 फरवरी 2024 को संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता एवं कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार पहुंचे।
ज्ञात हो कि इस्पात बाज़ार में ग्राहकों की नवीनतम आवश्यकता को देखते हुए, प्लेट मिल के उन्नयन हेतु रफिंग एवं फिनिशिंग स्टैंड के ज्योमेट्रीकल स्ट्रक्चर में सुधार के लिए 42 दिनों का शटडाउन लिया गया है। यह कैपिटल रिपेयर का कार्य 10 जनवरी, 2024 से प्रारंभ किया गया। शटडाउन के दौरान, प्लेट मिल में अनुरक्षण कार्य से संबन्धित अन्य लंबित और महत्वपूर्ण कार्यो को सम्पादित किया जा रहा है।
प्लेट मिल में, श्री अनिर्बान दासगुप्ता एवं कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार ने, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यू) श्री असित साहा, मुख्य महाप्रबंधक (प्लेट मिल) श्री आर के बिसारे, मुख्य महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट्स) श्री उन्मेष भारद्वाज एवं मुख्य महाप्रबंधक (सीईटी) श्री प्रणय कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के महाप्रबंधकों के साथ, गुणवत्ता सुधार हेतु व्यापक अनुरक्षण कार्य के विभिन्न गतिविधियों का बारीकी से अवलोकन कर उसका निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने, आने वाले समय में दोनों स्टैंड की उपयोगिता को बरक़रार रखने हेतु, आवश्यक कदम उठाने की प्रेरणा दी। इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक (प्लेट मिल) श्री आर के बिसारे ने उन्हें समस्त अनुरक्षण कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।
प्लेट मिल में, पहली बार 25 मीटर की ऊंचाई पर स्थित 2000 मिमी व्यास के फर्नेस की गैस पाइप लाइन को बदला जा रहा है। जिसमें रोड की तरफ से पाइप लाइन बदलने का काम अंतिम चरण में है। रिहिटिंग फर्नेस का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। रफिंग स्टैंड की मशीनिंग, जिसे मेटालक समूह के द्वारा किया जा रहा है, लगभग अंतिम चरण में है। फिनिशिंग स्टैंड की मशीनिंग के उपरांत लाइनर लगाने का कार्य चालू हो चूका है। प्लेट की प्रोफाइल में सुधार हेतु दोनों लेवेलर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। प्लेट की एड्ज की गुणवत्ता में सुधार हेतु, पहली बार क्रास कट शियर -1 का नवीनीकरण किया जा रहा है। बढ़ते डिस्पैच के अनुरूप, शिपिंग एरिया में क्रेन न 26 एवं 29 का नवीनीकरण किया जा रहा है। साथ ही एल टी रेल एवं एम टी एल का प्रतिस्थापन तथा लाइन संख्या 409 बी का विस्तारीकरण किया जा रहा है।
उपरोक्त सारे कार्यों के बाद प्लेट की उत्पादन प्रक्रिया में उन्नति होगी एवं गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही ग्राहकों के आवश्यकता के अनुसार प्रोडक्ट रेंज में वृद्धि होगी। सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए समय-समय पर विभिन्न विभागाध्यक्षों द्वारा, सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए शॉप फ्लोर पर कामगारों के साथ निरंतर संवाद किया जा रहा है।
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