प्रेम विवाह के लिए अब परिजनों से अनुमति लेना होगा अनिवार्य! जानिए क्या है इस खबर का सच
सोशल मीडिया पर प्रतिदिन ऐसी कई खबरें और दावे वायरल होते रहते हैं जिनका सच्चाई से कोई नाता नहीं होता है। हालांकि, आम उपयोगकर्ता सरलता से फर्जी खबर का शिकार हो जाते हैं तथा इन खबरों को आगे साझा कर देते हैं। आज के फर्जी न्यूज का मामला गुजरात का आया है। सोशल मीडिया पर ऐसी कई पोस्ट खूब वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार ने प्रेम विवाह के मामले में घरवालों की अनुमति को अनिवार्य कर दिया है। हालांकि, जब इस मामले की पड़ताल की तो ये दावा भ्रामक साबित हुआ है।
सोशल मीडिया पर ऐसी खबर वायरल हो रही है कि गुजरात देश का पहला ऐसा प्रदेश बन गया है जहां प्रेम विवाह करने से पहले परिजनों की इजाजत लेनी होगी। फेसबुक पर सुनिल पुनियाँ मौलासर नाम के उपयोगकर्ता ने लिखा है- देश का पहला राज्य बना गुजरात, प्रेम विवाह करने से पहले परिजनों की लेनी होगी अनुमति सीएम श्री भूपेन्द्रभाई पटेल को बहुत-बहुत धन्यवाद, उन्होंने रजिस्टर विवाह में माता-पिता के हस्ताक्षर अनिवार्य कर दिये।” वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर VINI नाम की उपयोगकर्ता ने लिखा है- “मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल को बहुत-बहुत धन्यवाद, उन्होंने रजिस्टर विवाह में माता-पिता के हस्ताक्षर अनिवार्य कर दिये, अब कोई भी बेटा या बेटी अपने माता-पिता से पूछे बिना विवाह नहीं कर सकता।”
सोशल मीडिया पर गुजरात में प्रेम विवाह को लेकर नए नियम से जुड़ी हुई खबर बड़े आंकड़े में पोस्ट की जा रही थी। इसलिए इस मामले की जब पड़ताल की गई तो कहीं भी ऐसी खबर नहीं मिली कि गुजरात की सरकार ने ऐसा कोई कानून बनाया है। जब इस मामले की आगे पड़ताल की तो 31 जुलाई 2023 को पब्लिश की गई एक खबर मिली। इस खबर में बताया गया है कि गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि उनकी सरकार इस बात का अध्ययन करेगी कि क्या प्रेम विवाह (Love Marriage) के लिए माता-पिता की अनुमति को अनिवार्य बनाने का प्रावधान संवैधानिक सीमा में रहकर किया जा सकता है? इसके अतिरिक्त भी अन्य वेबसाइट पर भी हमें यही दावा मिला। मतलब स्पष्ट था कि वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक है।