बंगाल में लगे राष्ट्रपति शासन…’ संदेशखाली में NCW चीफ ने बयां किया महिलाओं का दर्द
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव इन दिनों सुर्खियों में है. यहां कई महिलाओं ने स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. इन आरोपों को लेकर राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर विपक्षी बीजेपी सवाल उठा रही है. इस बीच खबर है कि केंद्र सरकार इन घटनाओं की एनआईए से जांच कराने की तैयारी में हैं.
दरअसल बीजेपी नेताओं ने इन महिला के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच की है. सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व अन्य एजेंसियों द्वारा केंद्र सरकार को मुहैया करवाई गई सूचना के आधार पर इन घटनाओं की NIA से जांच करना का फैसला लिया जा सकता है.
उधर जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस घटना में राज्य के बाहर के असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के सबूत मिले हैं, जिनको सुनियोजित ढंग से माहौल बिगाड़ने के लिए संदेशखाली भेजा गया था. एनआईए जांच की तैयारी इसलिए भी की जा रही है, क्योंकि उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जाने के जिन लोगों पर आरोप लगाए जा रहे हैं, उनमें से ज्यादातर बंग्लादेश सीमा के पास रहते हैं. इस बाबत पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी केंद्र सरकार को अपनी विस्तृत रिपोर्ट दे चुके हैं.
NCW चीफ बोली- संदेशखाली की स्थिति भयानक
इस बीच संदेशखाली के हालात का जायजा लेने पहुंचीं राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर वहां महिलाओं की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है.
रेखा शर्मा ने कहा, ‘इलाके की महिलाओं से बात करने के बाद मुझे पता चला कि संदेशखाली में स्थिति भयानक है. कई महिलाओं ने अपनी आपबीती सुनाई. उनमें से एक ने कहा कि यहां टीएमसी पार्टी कार्यालय के अंदर उसके साथ बलात्कार किया गया था. हम अपनी रिपोर्ट में इसका भी उल्लेख करेंगे। हमारी मांग है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.’