November 22, 2024

पैंतालिस साल पूर्व प्रारंभ हुए भिलाई महिला महाविद्यालय से मेरा नजदीकी व पारिवारिक रिश्ता है-विजय बघेल


इस महाविद्यालय का षुरू से ही रहा है गौरवशाली इतिहास
जिस कॉलेज में वार्षिकोत्सव में छात्रा के रूप में शामिल होते थे आज उसी कॉलेज के वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का मिला सौभाग्य-सरोज
इस कॉलेज की छात्रसंघ अध्यक्ष रहने के दौरान छात्राओं की समस्याओं को प्रबंधन के सामने रखती थी प्रमुख्ता से
भिलाई। भिलाई एजूकेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित एवं हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से संबद्ध भिलाई महिला विद्यालय का आज वार्षिकोत्सव, पुरस्कार वितरण एवं शिक्षादीप ट्रस्ट छात्रवृत्ति समारोह का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. संध्या मदन मोहन के मार्गदर्शन में किया गया।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ. सरोज पाण्डेय थी। कार्यक्रम की अध्यक्ष दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल ने की। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में नगर के प्रसिद्ध उद्योगपति विजय गुप्ता, अरविंद जैन, महाविद्यालय समिति के सुरेन्द्र गुप्ता उपस्थित थे। इस दौरान छात्राओं सहित यहां की प्राध्यापकों द्वारा बेहद ही मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर विजय बघेल के हाथों हेमचंद विष्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले व उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिति डा. सरोज पाण्डेय एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष विजय बघेल के साथ ही उपस्थित विशिष्ट अतिथियों को भी प्रतीक चिन्ह प्रदान कर उनका सम्मान किया गया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए सासद विजय बघेल ने कहा कि 45 वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ यह महाविद्यालय आज अपना वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम मना रहा है। भिलाई महिला महाविद्यालय का शुरू से ही गौरवशाली इतिहास रहा है। जब ये महाविद्यालय प्रारंभ हुआ तब मात्र 90 छात्राएं अध्ययनरत थी वहीं कोरोनाकाल के पूर्व यहां दो हजार से भी अधिक छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही थी। आज भी यहां वर्तमान में चैदह

सौ छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही है। राज्य सभा सांसद सरोज पाण्डेय भी यहीं की छात्रा रही है। यहां की शिक्षा की एक अलग ही पहचान है। अपने स्कूल कॉलेज के जीवन को याद करते हुए श्री बघेल ने कहा कि जब हम स्कूल और कॉलेज में पढाई करते थे तो वे भी वार्षिकोत्सव के मंचीय कार्यक्रमों में उत्साहपूर्वक बढ चढ कर भाग लेते थे। आप सबका प्यार, दुलार व स्नेह ऐसे ही मिलता रहे, और केन्द्र व राज्य सरकार से कॉलेज प्रबंधन को जिस तरह की भी सहयोग की आवश्यकता होगी ये आपका भाई हमेशा आप लोगों के सहयोग के लिए खडा रहेगा। श्री बघेल ने आगे कहा कि मेरा इस कॉलेज से नजदीकी व पारिवारिक रिश्ता है। यहां से मुझे आत्मीय लगाव है। आप सभी बहने मुझे अपना पारिवारिक सदस्य माने। बहन सरोज पाण्डेय का भी सहयोग आप लोगों को लगातार मिलता रहा है और आगे भी मिलता रहेगा।
इस दौरान राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय ने कहा कि मेरे पास शब्द नही है, मैं यहीं की छात्रा रही हूं और छात्रसंघ अध्यक्ष भी रही हूं, छात्र संघ की प्रभारी व हिन्दी विभाग की प्रमुख प्रो. निशा मेडम सहित सभी गुरूजनों को मेरा सादर प्रणाम है, इन्होंने हमें जो शिक्षा दी। आज मैं जो कुछ भी हूं यहां के गुरूजनों द्वारा दिये गये शिक्षा व संस्कार व उनके आशीर्वाद की बदौलत ही हूं और उनके द्वारा मेरे छात्रसंघ अध्यक्ष रहते हुए जो मार्गदर्शन मुझे मिला उसके बदौलत ही मैं यहां तक पहुंची हूं। छात्र संघ अध्यक्ष रहते हुए छात्राओं की समस्याओं को उठाकर प्रबंधन के पास उनकी मांगों रखने और उसका निराकरण कराने का जो अनुभव मिला उसके कारण मुझेे आत्मीय बल मिलते गया और अनुभव बढते गया जो आज भी मेरे जीवन में काम आ रहा है। यही कारण है कि मुझे जो जिम्मेदारी मिली है उसको पूरी ईमानदारी से निभा पा रही हूं और सुखद अनुभूति का अनुभव महसूस कर पा रही हूं। जीवन में अमिट छाप छोडी है, इस महाविद्यालय की मेरी बहुत ही मुधर स्मृतियां है, आज भी ऐसा महसूस होता है कि जब मैं 20 साल पहले यहां शिक्षारत थी वही गुरू जी आज भी है, ऐसा लगता है कि सबकुछ पहले जैसा ही है। गुरूजनों के आशीर्वाद से आज मैं यहां तक पहुंची हूं। जब हम पढते थे तो यहां मंच भी नही था। हम लोग अपने दौर में काफी उत्पाद मचाते थे और हमारी छोटी छोटी गलतियों को गुरूजन माफ कर दिया करते थे लेकिन पढाई में कभी भी पीछे नही रहे उसमें भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होते थे। भले ही तन से यहां से अलग हूं लेकिन मन से हमेशा साथ हूं जब भी मेरी जिस रूप में यहां सहयोग की आवश्यता होगी मैं हमेशा इस कॉलेज के उत्कृष्ट विकास के लिए खडी हूं।
इस अवसर पर हिन्दी विभाग की प्रमुख प्रो. निशा शुक्ला, महाविद्यालय के पीआरओ सुशांत पंडित सहित बडी संख्या में प्राध्यापक एवं छात्राएं उपस्थित थी।
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