वर्षों से लंबित और अटकी हुई दो प्रमुख मांग पर वैशाली नगर विधायक ने पहल करते हुए लगभग 5 हजार लोगों को बड़ी राहत दी
भिलाई नगर,। छत्तीसगढ़ विधानसभा के द्वितीय सत्र में आज वैशाली नगर के लिए वर्षों से लंबित और अटकी हुई दो प्रमुख मांग पर वैशाली नगर विधायक ने पहल करते हुए लगभग 5 हजार लोगों को बड़ी राहत दी है। आज तीस वर्ष से विवादित 293 प्लाट और हाउसिंग बोर्ड कालोनी के 724 क्वार्टर के मामले में विधायक रिकेश ने मजबूती से न केवल सदन में मुद्दा उठाया बल्कि वो दोनों मामलों में वर्षों से परेशान लगभग 5 हजार लोगों को राहत दिलाने राज्य सरकार से तत्काल निर्णय लेने की मांग की नतीजतन संबंधित विभाग के मंत्री ने सदन में दोनों ही मामलों पर जनहित में राहत की घोषणा करते हुए संबंधितों को शीघ्र पहल करने निर्देश भी दिए हैं।
भिलाई के 293 प्लाट प्रकरण पर दुर्ग कलेक्टर को जिम्मेदारी दी गई है जबकि हाऊसिंग बोर्ड कालोनी के 724 क्वार्टर यथास्थान पर पुनर्निर्माण कर इनमें लंबे समय से निवास कर रहे लोगों को सौंपने की घोषणा की है।
विधायक रिकेश सेन ने हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के संबंध में सदन का ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा कि यहां के रहवासियों ने 20-25 साल हाउसिंग बोर्ड को किराया दिया है जो कि मकान निर्माण लागत का 3 गुना से भी अधिक है। कई धरना, भूख हड़ताल के बाद भी इच्छाशक्ति के अभाव में यहां रह रहे लगभग 3 हजार लोगों की समस्या का समाधान नहीं हुआ। 1965 से 1975 के बीच तीन और दो मंजिला बिल्डिंग के माध्यम से निजी उद्योग कर्मचारियों के लिए हाऊसिंग बोर्ड द्वारा डीआईसी की जमीन पर ये 724 क्वार्टर बनाए गए थे। जिसका मेंटेनेंस भी हाऊसिंग बोर्ड को करना था, बदले में 30 रूपये प्रति माह हर घर से किराया तथा हर वर्ष 60 रूपये जल कर लिया जाता था। एक बिल्डिंग की निर्माण लागत 96000 तथा प्रति घर लागत 4000 थी। जिसके लिए 25 वर्षों तक किराया के रूप में हर श्रमिक से लगभग पौने 2 लाख किराया लिया गया। 724 आवास में से 12000 रूपये और लेकर 19 लोगों की रजिस्ट्री की गयी। 131 लोगों ने रजिस्ट्री के लिए रूपये वर्ष 2000 से 2003 तक दिए लेकिन उनकी रजिस्ट्री नहीं हुई।2003 में जब हाउसिंग बोर्ड ने किराया 30 रूपये से अचानक 300 कर मेंटेनेंस बंद कर दिया तो यहां के लोगों ने किराया बंद कर दिया। 2007 में निगम ने बिल्डिंग कंडम घोषित कर दिया जिसके 16 साल बाद भी लगभग 3 हजार लोग इन आवासों में रह रहे हैं चूंकि इन्होंने वर्षों किराए के रूप में निर्माण लागत का कई गुना अधिक रूपया दिया है अतः इन आवासों का पुनर्निर्माण कर इनमें रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिया जाए। हमारी डबल इंजन की सरकार है, मोदीजी सभी के सिर पर पक्की छत और मकान की सौगात देते रहे हैं इसलिए वैशाली नगर विधानसभा के लगभग 3 हजार परिवारों को हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से घर बना कर दिए जाएंगे।