November 22, 2024

JNU में अदा शर्मा की फिल्म को लेकर बवाल, ‘बस्तर’ की स्क्रीनिंग रोकने के लिए एसएफआई ने काटी बिजली

अभिनेत्री अदा शर्मा इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं। फिल्म का दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में फिल्म से कलाकारों का पोस्टर और फिल्म का ट्रेलर जारी हुआ था, जिसने फैंस के उत्साह को बढ़ा दिया था। अब हाल ही में, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में बस्तर की स्क्रीनिंग हुई और इस दौरान खूब हंगामा भी हुआ है।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में राष्ट्रीय कला मंच “बस्तर द नक्सल स्टोरी” की प्री रिलीज स्क्रीनिंग करवा रहा है। फिल्म 15 मार्च को रिलीज होनी है।  फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर और निर्माता विपुल अमृतलाल शाह, निर्देशक सुदीप्तो सेन और मुख्य अभिनेता अदा शर्मा भी प्री रिलीज स्क्रीनिंग के पैनल चर्चा में शामिल हुए। स्क्रीनिंग के दौरान जेएनयू में हंगामा शुरू हो गया है। एसएफआई के 100 से अधिक छात्र फिल्म की स्क्रीनिंग का विरोध कर रहे है। आयोजन स्थल की एंट्री प्रदर्शनकारियों ने बाधित की है। एसएफआई ने ऑडिरियम की दो बार लाइट भी काटी। ताकि फिल्म की स्क्रिनिग रोकी जा सके।
 अभिनय के साथ-साथ मार्शल आर्ट्स में निपुण अदाकारा अदा शर्मा की अगली फिल्म ‘बस्तर द नक्सल स्टोरी’ एक ऐसे विषय पर बनी फिल्म है, जिसकी तरफ मुख्यधारा के सिनेमा का ध्यान कम ही गया है। यह सर्वविदित तथ्य है कि बीते पांच से छह दशकों में नक्सली हमलों में मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या भारत-पाकिस्तान युद्धों में मारे गए फौजियों से कहीं ज्यादा रही है।
बता दें कि फिल्म के ट्रेलर लॉन्च होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने फिल्म को प्रोपेगेंडा बताया है। हालांकि, अभिनेत्री ने इसपर चुप्पी तोड़ी है। अभिनेत्री ने कहा “जब आप बस्तर में आइपीएस नीरजा माधवन जैसे सख्त पुलिस वाले का किरदार निभाते हैं, तो मैं चाहती हूं कि लोग सोचें कि मैंने उन्हें सबसे मजबूत, सबसे निडर और शक्तिशाली तरीके से चित्रित किया है। मैं चाहती हूं कि लोग फिल्म में मेरे कहे हर शब्द पर विश्वास करें।
अदा ने आगे कहा, ‘एक बार जब लोग फिल्म देखेंगे, तो वे समझ जाएंगे कि यह किस बारे में है। लेकिन जैसा कि मैंने द केरल स्टोरी के दौरान भी कहा था, यह एक लोकतंत्र है । लोग फिल्म देखना या न देखना चुन सकते हैं। वे फिल्म देखने के बाद टिप्पणी कर सकते हैं। हमें उन लोगों का भी सम्मान करना चाहिए जो फिल्म देखे बिना टिप्पणी कर रहे हैं क्योंकि यह उनकी पसंद है।”