November 23, 2024

लीज नवीनीकरण के संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय के पोर्टल पी

*लीज नवीनीकरण के संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय के पोर्टल पी एमओपीजी /2024/0041190/ 19 फरवरी 2024 के प्रति उत्तर में भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारी के द्वारा स्टील सिटी चैंबर को भेजे गए पत्र में इस इस प्रक्रिया को लीज अनुबंध की धाराओं के तहत बताया जाना न केवल दुखद अपितु निंदनीय है । चेंबर के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने कहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को भी भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने न केवल गुमराह किया अपितु गलत जानकारी भ्रामक तथ्यों के साथ देकर प्रधानमंत्री कार्यालय को दी है जैन ने स्पष्ट कहा कि जो भी आदेश किसी भी संस्था के द्वारा जारी किए जाते हैं वह आने वाले वर्षों के लिए होते हैं उन्हें आदेशों को पूर्व वर्षों पर हुए अनुबंध पर लागू किया जाना और इस विषय पर न केवल प्रभावित वर्ग को अपितु भारतीय इस्पात प्राधिकरण एवं भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को भी गलत जानकारी देकर गुमराह किया जाना दुखद ही है ।*

*स्टील सिटी चैंबर भिलाई ने भारतीय इस्पात प्राधिकरण नई दिल्ली के 340 में बैठक में लिए गए निर्णय को अवैधानिक करार देते हुए एक पक्षीय बताया चेंबर के पदाधिकारी ने बोर्ड मीटिंग में हुए निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की 2008 में हुआ निर्णय 2008 के बाद के आदेशों पर लागू होना चाहिए पूर्व वर्षों में जिन दुकानदारों के साथ या आवासीय भवनों में, सामाजिक संस्थाओं में, शैक्षणिक संस्थानों में, सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ हुए लीज अनुबंध में जब स्पष्ट किया गया था की लीज 99 वर्षों के लिए है और 33-33 वर्षों में इसको रिन्यूवल किया जाना है तो लीज अनुबंध की शर्तों के मुताबिक रिन्यूअल किए जाने के बजाय वर्तमान बाजार मूल्य से राशि की मांग किया जाना बाजार मूल्य को आधार बनाकर भू-भाटक एवं सेवा शुल्क की मांग करना एवं सुरक्षा निधि मध्य में राशि जमा कराया जाना न केवल दुखद अपितु निंदनीय है ।*

*भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा भेजे गए पत्र के प्रति उत्तर में स्टील सिटी चैंबर ने पुनः पत्र लिखकर और पोर्टल के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को संपूर्ण प्रकरण की जांच उच्च स्तरीय कमेटी के माध्यम से कराए जाने का निवेदन किया है और जब तक इस प्रकरण का निराकरण न हो जाए तब तक बोर्ड आफ डायरेक्टर मिनट्स ऑफ़ द 340 जुलाई 2008 के निर्णय पर रोक लगाने की मांग की है ।*

*स्टील सिटी चेंबर के द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय को अवगत कराया गया है कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा कार रुपीस भुगतान किसी भी स्थिति में दिया जाना संभव नहीं है हम सभी प्रभावित ली धारक बोर्ड आफ डायरेक्टर मीटिंग में लिए गए निर्णय का खुला विरोध करते हैं क्योंकि उपरोक्त संदर्भ में प्रभावित पक्षों से ना तो किसी तरह की कोई चर्चा की गई और ना उनको लिए गए निर्णय से अवगत कराया गया ऐसी स्थिति में एक पक्षीय निर्णय अवैध एवं नियम विरुद्ध है जिसे अमल में लाया जाना किसी भी स्थिति में संभव नहीं है ।*

*स्टील सिटी चैंबर ने प्रधानमंत्री कार्यालय के माध्यम से प्रभावित लीज धारकों के तीन सदस्य प्रतिनिधिमंडल हेतु समय निर्धारित कर प्रधानमंत्री से मुलाकात हेतु समय मांगा है प्रभावित पशुओं के द्वारा संबंधित दस्तावेजों के माध्यम से प्रधानमंत्री जी को अवगत कराने की तैयारी की जा रही है ताकि प्रभावित 10000 दुकानदार एवं उनके आवास की परिसर सहित सामाजिक शैक्षणिक एवं धार्मिक संस्थाओं के आवंटन को अनुबंध के मुताबिक नियमित कराए जाने हेतु उच्च स्तरीय पहल की जा सके चेंबर के पदाधिकारी ने प्रबंधन पर यह भी आरोप लगाया है कि बगैर दस्तावेजों की जांच के पूर्व अनुबंधों को नजर अंदाज कर सेल बोर्ड की बैठक में लिया गया निर्णय को न्यायालय में भी समय पूर्व चुनौती दी जा रही है हम चाहते हैं कि प्रबंधन हमारे साथ न्याय करे और प्रधानमंत्री कार्यालय को गुमराह करने से बाज आये । प्रधानमंत्री कार्यालय से हमें उम्मीदें हैं हमें न्याय मिलेगा और दस्तावेजों के रूप हमारे प्रकरण पर विचार किया जाएगा ।*

*स्टील सिटी चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन एवं महासचिव दिनेश सिंघल ने उपरोक्त विषय की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय के पोर्टल में दे दी है और पत्र के प्रति उत्तर का इंतजार किया जा रहा है शहर के व्यापारियों के नाम जारी अपील में चैंबर ने कहा है कि जिस भूमि का बाजार मूल्य भिलाई इस्पात संयंत्र ने दुकानदारों के आवासीय एवं व्यवसायिक परिसर पर ले लिया है दूसरी बार मांगा जाना दुखद एवं न्याय विपरीत है सभी व्यापारी एकजुट रहे प्रबंधन यदि अपने निर्णय पर किसी तरह का बदलाव नहीं करता है तो आने वाले दिनों में भिलाई इस्पात संयंत्र को दिए जाने वाले हर तरह के राजस्व पर शहर के व्यापारी रोक लगाने का निर्णय भी व्यापारियों द्वारा लिया सकता हैं ।*

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