आखिर क्या है एक वाहन एक फास्टैग नियम, यहां मिलेगी पूरी जानकारी
अगर आप कार लेकर हाईवे पर फर्राटा भरते हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है. क्योंकि 1 अप्रैल से फास्टैग से जुड़ा महत्वपूर्ण नियम लागू हो गया है. जिसको लेकर 80 फीसदी लोग अभी भी कंफ्यूजन में है. आखिर वन वाहन वन फास्टैग नियम क्या है. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आखिर ये है क्या और इससे आम लोगों पर क्या असर पड़ने वाला है. साथ ही देशभर में बिना केवाईसी वाले फास्टैग को डिएक्टीवेट भी कर दिया गया है. वन वाहन वन फास्टैग से टोल कलेक्शन में काफी पारदर्शिता आएगी. साथ ही वाहन संचालकों को भी ज्यादा टोल देने से राहत मिलेगी..
फर्जीवाड़े से बचाएगा नियम
दरअसल, देश के सभी हाईवे पर टोल कलेक्शन को लेकर सवाल उठते रहे हैं. कई बार एक वाहन के एक से ज्यादा फास्टैग होन पर ज्यादा पैसा डिडेक्ट हो जाता है. कई लोग दूसरों के नाम से फास्टैग लेकर इसका इस्तेमाल कर लेते थे, वहीं कुछ लोगों के पास एक से ज्यादा फास्टैग होते थे.जिनका इस्तेमाल वो अपनी मर्जी से कर लेते थे. इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए एनएएचआई ने वन व्हीकल वन फास्टैग नियम लागू किया है.ऐसे ही मामलों से निपटने के लिए वन व्हीकल वन फास्टैग लाया गया है. यानि अब एक वाहन पर सिर्फ एक ही फास्टैग एक्टीवेट हो सकेगा..
ऑटोमोड़ में बंद होंगे डीएक्टीवेट होंगे फास्टैग
आपको बता दें कि वन व्हीकल वन फास्टैग लागू होने के बाद एक से ज्यादा फास्टैग ऑटोमोड़ में बंद हो जाएंगे. क्योंकि अब फास्टैग केवाईसी जरूरी हो गया है और बिना इसके फास्टैग एक्टिवेट नहीं रह सकता है. जिसने भी केवाईसी नहीं कराया है उनका फास्टैग ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा. साथ ही ऐसे लोगों को दोगुना टोल भी देना होगा..क्योंकि आप दूसरे फास्टैग में मौजूद बैलेंस का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएंगे. ऐसे में आप तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और केवाईसी पूरी करें.