November 24, 2024

‘दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश..’, केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर बोलीं मंत्री आतिशी मार्लेना

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि भाजपा राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली की मंत्री आतिशी मार्लेना ने कहा कि उन्हें विश्वसनीय स्रोतों से पता चला है कि अरविंद केजरीवाल सरकार को अस्थिर करने के लिए एक राजनीतिक साजिश चल रही है। आतिशी ने कहा कि विभिन्न विभागों में रिक्तियां होने के बावजूद दिल्ली में वरिष्ठ IAS अधिकारियों की पोस्टिंग कई महीनों से रुकी हुई है।

आतिशी मार्लेना ने कहा है कि, “अरविंद केजरीवाल को एक फर्जी मामले में गिरफ्तार किया गया है और वह भी बिना किसी सबूत के, क्योंकि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश है। जब हम अतीत की कुछ चीजें देखते हैं तो पता चलता है कि एक सोची समझी साजिश की गई है।” आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि “किसी भी अधिकारी को दिल्ली में तैनात नहीं किया जा रहा है, दिल्ली के अंदर कोई ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं की जा रही है और चुनाव की घोषणा के बाद से अधिकारियों ने बैठकों में भाग लेना बंद कर दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव को बर्खास्त किया जाना भी “साजिश” का हिस्सा था। भाजपा ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि AAP ”रोज नई कहानियां गढ़ रही है।” वहीं, भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा, “पार्टी रोजाना मनोहर कहानी बना रही है। वे आरोप लगा रहे हैं कि अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की जा रही है, लेकिन सितंबर के बाद से मुख्यमंत्री ने लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG) से मुलाकात नहीं की है।”

 

 

यह तीखा हमला दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका को खारिज करने के कुछ दिनों बाद आया है। अदालत द्वारा उन्हें सुरक्षा देने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल के घर पर छापा मारा था और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था।  मुख्यमंत्री को अब समाप्त हो चुकी दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में पिछले महीने के अंत में ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी का मामला यह है कि दिल्ली शराब नीति 2021-22 ने थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत और खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत का असाधारण उच्च लाभ मार्जिन प्रदान किया। दिल्ली शराब नीति मामले की जांच का मुख्य फोकस बिचौलियों, व्यापारियों और राजनेताओं के एक कथित नेटवर्क पर था, जिसे केंद्रीय एजेंसियों ने “साउथ ग्रुप” कहा है।