उमड़ रहा आस्था का सैलाब. छह दिन में दर्शन को पहुंचे डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. प्रशासन का कहना है कि ये नया रिकॉर्ड बना है. केदारनाथ धाम में कपाट खुलने के बाद छह दिन में ही दर्शनार्थियों का आंकड़ा डेढ़ लाख के पार हो गया है. बुधवार को 29278 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. इस दौरान तड़के से देर शाम तक मंदिर परिसर सहित केदारपुरी में भक्तों की भीड़ जुटी रही.
वहीं, चारधाम यात्रा के लिए अब तक 27 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं. जबकि तीन लाख 34 हजार 732 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं. केदारनाथ में अब तक 1,55,584, गंगोत्री में 63,078, यमुनोत्री में 70,433 और बदरीनाथ में 45,637 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं.
चारधाम यात्रा से जुड़ी जरूरी जानकारी
यह यात्रा आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना जाता है. हालांकि चारधाम यात्रा कठिन होती है, लेकिन यह आध्यात्मिक ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार प्रदान करती है. परिवार के साथ बंधन मजबूत करने का एक अवसर है. बुजुर्गों के प्रति सम्मान और युवाओं को शिक्षा देने का एक तरीका है.
चारधाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर तक का होता है. इस दौरान , मौसम सुहावना होता है और यात्रा करना आसान होता है. चारधाम यात्रा कठिन हो सकती है, इसलिए यात्रा पर जाने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण करवाना महत्वपूर्ण है. यात्रा के लिए गर्म कपड़े, आरामदायक जूते और बारिश से बचने के लिए सामान ले जाना चाहिए. यात्रा के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और स्वस्थ भोजन करना महत्वपूर्ण है.
चारधाम यात्रा पर्यावरण के अनुकूल होनी चाहिए. यात्रियों को कूड़ा-कचरा नहीं फैलाना चाहिए और प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. यात्रियों को स्थानीय लोगों का सम्मान करना चाहिए और उनकी संस्कृति का पालन करना चाहिए. चारधाम यात्रा एक अद्भुत अनुभव हो सकती है. यह आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से पुनर्जीवित होने का एक अवसर है. यदि आप धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध यात्रा की तलाश में हैं, तो चारधाम यात्रा आपके लिए सही विकल्प है.