November 25, 2024

Heat Wave के कारण बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा, शरीर के इन अंगों में हो सकती है समस्या

बढ़ते तापमान ने जीना दुसवार कर रखा है. हीटवेव और लू,  इंसान के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं. दरअसल, राष्ट्रीय रोग नियत्रंण केंद्र ने स्वास्थ्य मंत्रालय को एक रिपोर्ट दी है, जिसमें कहा गया है कि बढ़ता तापमान सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 40 से 45 डिग्री टेंपरेचर बना रहा तो हार्ट के मरीजों में मौत के मामले 2.6 प्रतिशत बढ़ जाएंगे. क्योंकि 40 डिग्री से ज्यादा का तापमान दिल, दिमाग के साथ अन्य पार्ट्स जैसे आंत, किडनी, फेफड़े और पैंक्रियाज, लिवर और सेल्स पर भी असर डालता है. जो व्यक्ति डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं उनमें मौत का खतरा बढ़ जाता है.

हाई टेंपरेचर और वाइटल आर्गन पर हो रहा असर

इंसानी शरीर का तापमान 36.4 डिग्री से 37.2 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है. जब बाहरी तापमान इससे ज्यादा होने लगते हैं तो शरीर तापमान को कम करने के लिए पसीने को छोड़कर कंट्रोल करता है. लेकिन जब हद से ज्यादा टेंपरेचर चला जाए जैसे 45 के पार तो शरीर के तापमान की नियंत्रण क्षमता पर भारी पड़ने लगती है. इससे पहले कई रिसर्च किए गए जिसमें, बेहोशी, चक्कर, आंखों में जलन सहित कई अन्य परेशानियों के बारे में स्टडी की गई है. लेकिन हाल ही में हुई नई स्टडी में शरीर के वाइटल आर्गन और जानलेवा प्रभाव के बारे में कई नए खुलासे आ रहे हैं.

बढ़ सकता है ब्लड क्लोटिंग का खतरा

इस स्टडी के मुताबिक, 40 डिग्री सेल्सियस से जैसे-जैसे तापमान उपर जाता है, बीमार व्यक्ति की नसों में ब्लड क्लोटिंग का खतरा बढ़ जाता है. शरीर की पतली नसो में ब्लड क्लोटिंग की प्रक्रिया से दिल, दिमाग, लिवर फेफड़े जैसे अंग प्रभावित हो सकते हैं. एसी ही क्लोटिंग ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण बन जाती है. जिससे प्रभावित व्यक्ति की मौत का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है. इसलिए गर्मी में डॉक्टर सलाह देते हैं कि तेज धूप में न निकलें और मजबूरन निकलना पड़े तो छाता जरूर लें.

तापमान का हार्ट और ब्रेन पर प्रभाव

रिपोर्ट के मुताबिक, अधिक गर्मी की वजह से इंसानी दिमाग पर इसका असर पड़ता है. हीट स्ट्रेस और हीट स्ट्रोक हो सकता है. वहीं हार्ट, लिवर, किडनी, आंत पर भी इसका असर देखने को मिलता है. जब तापमान के मुताबिक, शरीर के सेल खुद को बैलेंस नहीं कर पाती तो ऐसी स्थिति में हीट साइटोटॉक्सिटी कहा जाता है. इसकी वजह से शरीर के वाइटल आर्गन डैमेज होने लगते हैं. कोई वाइटल ऑर्गन ज्यादा डैमेज हो या फिर क्लोटिंग हो तो मौत का खतरा बढ़ जाता है.

कैसे करें इससे बचाव

अगर तेज गर्मी के कारण सिरदर्द, चक्कर, चिड़चिड़ापन त्वचा के रंग में बदलाव लक्षण दिखे तो जल्दी ही डॉक्टर से संपर्क करें. धूप में न निकलें, पानी पीते रहे शरीर में पानी की कमी न होने दें. खाना हेल्दी खाएं.