November 27, 2024

‘पिछले 24 साल से गालियां खा-खाकर गाली प्रूफ हो गया हूं मैं’, इंटरव्यू में विपक्ष पर भड़के PM मोदी

लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के बीच पीएम मोदी ने एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू दिया. जिसमें उन्होंने हर सवाल का जवाब बेबकी से से जवाब दिया. पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार में एक दूसरे पर किए जा रहे निजी हमलों से लेकर 400 पास के नारे तक के बारे में बताया. पीएम ने कहा कि मुझे मौत का सौदागर तक कहा गया, तो किसी ने गंदी नाली का कीड़ा भी कहा. उन्होंने कहा कि मैं पिछले 24 सालों से गाली खा-खाकर गाली प्रूफ हो गया हूं.

पर्सनल अटैक के सवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, जहां तक मोदी का सवाल है, मैं तो पिछले 24 साल से गालियां खा-खाकर गाली प्रूफ हो गया हूं, मौत का सौदागर किसने कहा था, गंदी नाली का कीड़ा किसने कहा था, पार्लियामेंट में हमारे एक साथी ने हिसाब लगाया था कि 101 गालियां दी गई थी. चुनाव या चुनाव न हो, ये लोग मानते हैं कि गालियां देने का हक उनका ही है और वे हताश निराश इतने हो चुके हैं ये उनके शायद जेहन में उनके स्वभाव में हो गया है.

ओडिशा चुनाव पर क्या बोले पीएम मोदी?

वहीं ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के साथ अपने संबंधों और चुनाव के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि, हिंदुस्तान के सभी राजनैतिक दलों के नेताओं के साथ हमारे संबंध अच्छे ही हैं. लोकतंत्र में हमारी दुश्मनी नहीं होती है, संबंध अच्छे होने ही चाहिए. पीएम मोदी ने आगे कहा कि, अब सवाल ये है कि मैं अपने संबंधों को संभालू या ओडिशा के भाग्य की चिंता करूं, तब मैंने रास्ता चुना कि मैं ओडिशा के उज्जवल भविष्य के लिए अपने आप को खपा दूंगा, उसके लिए अगर मुझे मेरे संबंधों को बली चढ़ाना पड़ेगा तो मैं ओडिशा की भलाई के लिए बली चढ़ाऊंगा और चुनाव के बाद सबसे कनवेंस करूंगा कि मेरी किसी से दुश्मनी नहीं है. लेकिन 25 साल से ओडिशा में प्रगति नहीं हो रही.

कश्मीर में रिकॉर्ड वोटिंग पर भी बोले पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार लोकसभा चुनाव में कश्मीर में हो रही रिकॉर्ड वोटिंग पर कहा कि, कश्मीर की जो स्थिति बदली है उसके संदर्भ में मैं मेरे देश के न्यायतंत्र को प्रार्थना करना चाहूंगा कि अगर सरकार किसी काम को करने के लिए उसका एक डिजायन होता है उसकी स्ट्रेटजी होती है, ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए उस स्ट्रैटजी के तहत काम करना पड़ता है.

पीएम ने कहा कि उसके लिए मुझे कभी इंटरनेट बंद करना पड़ा. कोई एनजीओ कोर्ट चला जो वहां बड़ी मुद्दा बन गया. आज समझिए कि भले ही मैंने कुछ समय के लिए वहां इंटरनेट बंद किया, लेकिन आज बड़े गर्व के साथ वहां के बच्चे कहते हैं कि पांच साल से इंटरनेट बंद नहीं हुआ था. पांच साल से हमें सब सुविधाएं मिल रही हैं. कुछ दिन तकलीफ हुई लेकिन वो सब अच्छे कामों के बदले हुई.