दिल्ली में CM साय से सवाल..सांय-सांय क्या होता है?:मुस्कुराते हुए विष्णुदेव ने दिया जवाब, मीडिया से बोले- नक्सलवाद सिकुड़ गया
सांय-सांय क्या होता है। ये सवाल सुनकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव मुस्कुराए और बोले- हमारे यहां छत्तीसगढ़ में इसका मतलब जल्दी-जल्दी होता है। हम जहां भी जाते हैं तो लोग सांय-सांय चिल्लाते हैं। क्योंकि हमने मोदी की गारंटी के प्रमुख वादे को सांय-सांय पूरा किया है और आगे भी सांय-सांय पूरा करेंगे।
ये बातें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिल्ली में मीडिया से चर्चा में कहीं। PM मोदी के शपथ ग्रहण से पहले मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा- छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को मुश्किल से 6 महीने हुए हैं। 6 महीने में हम लोगों को कम काम करने का अवसर मिला इसके बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा- आचार संहिता लागू हो गई। लेकिन आचार संहिता लागू होने से पहले मात्र सौ दिनों में हमारी सरकार ने मोदी की गारंटी के सभी प्रमुख वादों को प्राथमिकता से पूरा किया है। जिसका बेहतर परिणाम हमें लोकसभा में मिला। मोदी जी सहित हमारी सरकार पर भी लोगों का विश्वास बढ़ा है। आगामी समय में गारंटी के बचे हुए वादे को सांय-सांय पूरा करेंगे।
नक्सलवाद पर बोले CM
नक्सलवाद के खिलाफ बोलते हुए विष्णु देव साय ने कहा कि पिछले 15 साल की हमारी भाजपा सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी और जब फिर से भाजपा की सरकार बनी तो केंद्र-राज्य के समन्वय से नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में और भी तेजी आई है। छत्तीसगढ़ की पहचान है, नक्सलवाद जैसा लोग सोचते हैं, वैसा कुछ भी नही है। इसलिए छत्तीसगढ़ को ऐसी नजरों से बिल्कुल भी न देखें। केवल पांच जिलों में ही कुछ जगह पर नक्सलवाद है। इन क्षेत्रों में अभी तक लगभग 25 से ज्यादा सुरक्षा कैंप बनाए गए हैं और इसका मतलब कैंप के 5 किलोमीटर के रेडियस में सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाना है। नक्सली लगातार सिकुड़ते जा रहे हैं।
CM ने देश की राजधानी में मीडिया से कहा- छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हमारा बस्तर स्वर्ग है, जहां चित्रकोट वाटरफॉल से लेकर कुटुमसर गुफा और तीरथगढ़ जलप्रपात है। हमारा प्रयास है कि पर्यटन क्षेत्र का अधिक से अधिक विकास करें, जिससे आय का स्त्रोत बढ़े। छत्तीसगढ़ में खनिज भंडार की कमी नहीं है, लौह अयस्क भरपूर है, पूरा बैलाडिला का पहाड़ है। गोल्ड, डायमंड है, लिथियम भी मिला है। खनिज संपदा भरपूर है, 100 से अधिक वनोपज भी है, मेहनतकश किसान हैं। इसलिए सभी छत्तीसगढ़ वासी मिलकर “विकसित छत्तीसगढ़” के निर्माण के लिए काम करेंगे।