November 25, 2024

अंदकुरी गांड़ा समाज के तत्वाधान में जिला स्तरीय छात्र-छात्राओं का सम्मान एवं युवा-युवती परिचय सम्मेलन समारोह सम्पन

 

कोण्डागांव अंदकुरी गांड़ा समाज के तत्वाधान में जिला स्तरीय छात्र-छात्राओं का सम्मान एवं युवा-युवती परिचय सम्मेलन समारोह आयोजन किया गया । रविवार को आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह का शुभारंभ डाॅ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी एवं बुढ़ादेव की पूजा अर्चना करते हुए कार्यक्रम को चालू किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. राजाराम त्रिपाठी रहे, विशिष्ट अतिथि सुषील दर्रो प्रांताध्यक्ष,अनिल कोर्राम प्रांतिय सचिव, चरण सिंह गंधर्व सलाहकार, श्रीमति युवती कोर्राम महिला प्रांतीय अध्यक्षा रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता करण कोर्राम वरिष्ठ जिलाध्यक्ष, विरेन्द्र बघेल युवा जिलाध्यक्ष, धनीराम मरकाम कर्मचारी/अधिकारी प्रकोष्ट व श्रीमती सुभद्रा कोर्राम महिला जिलाध्यक्ष के द्वारा किया गया । कार्यक्रम में युवा युवती परिचय हेतु वर-वधू की जानकारी मंगाई गई थी । जिन युवा युवती ने अपना परिचय हेतु फार्म भरे थे । उन्होने अपना परिचय बारी-बारी से दिये तथा समारोह में वर्ष 2023-24 के मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया, जिससे पुरस्कृत मेधावियों के चेहरे खिल उठे। समाज द्वारा आठवी, दसवीं, बारहवी में जो बच्चे 60 प्रतिषत से ज्यादा अंक प्राप्त किये थे, उन सभी बच्चों का प्रमाण पत्र मंगाई गई थी । जिसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय प्रतिभाओं को मोमेंटो एवं प्रसस्ति प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया गया । जिले के सभी 59 मण्डलों में युवाओं एवं 30 समाज सेवी उत्कृष्ठ कार्य के लिए समाज के पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया । डाॅ. राजाराम त्रिपाठी के द्वारा गांड़ा जाति के लिए जो भारत देष में शोध किया गया था । उस पुस्तक का जो कि गांड़ा अनुसूचित जाति या जनजाति के नाम से प्रकाषित किया गया है। उसका सामाजिक पदाधिकारियों के गरिमामयी उपस्थिति में स्वयं एवं हमारे अंदकुरी गांड़ा जाति के पदाधिकारियों के कर कमलों से विमोचन किया गया । तत्पष्चात डाॅ राजाराम त्रिपाठी के द्वारा अंदकुरी गांड़ा समाज के बारे में जानकारी दी गई ओर उन्होने कहा कि गांड़ा जाति एक सुरवीर एवं महान जाति है। जो अग्रिम पंति में रहकर अपने जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाली जाति है। उन्होने कपड़ा बनाया लोंगो को कपड़ा पहनाना सिखाया, जंगलों में मिलने वाली जढ़ी बुटी की जानकारी से दवा बनाई ओर लोगों को रोग मुक्त किया । आज ऐसे महान जाति उपेक्षा का षिकार हुये है। समाज में सम्मानित जिवन जिने का पहला मूल मंत्र गांड़ा जाति ने ही षिखाया है। उन्होने आगे कहा कि ’’गोंड गांव में गांड़ा सियान’’ यह कहावत आज भी चरितार्थ है। जबकि यह गांड़ा जाति का शादी-विवाह, छट्टी, मरनी उक्त सभी रूढ़ि प्रथा आदिवासियों के समान ही आज भी अंदकुरी गांड़ा समाज के लोगों के द्वारा किया जाता है। वही प्रांतीय सचिव श्री अनिल कोर्राम जी के द्वारा छात्र-छात्राए अगर सतत प्रयास करते रहें तो सफलता अवश्य मिलती है। आगे उन्होने कहा कि आज भी गांड़ा जाति के बाजा के बीना कोई भी सामाजिक कार्य में अन्य समाज के देवी-देवता नहीं नाचते।परंतु हजारे बाजा को अभी अन्य समाज के लोंगों के द्वारा एक आय का जरीया बनाकर पेड बाजा, धुमाल बाजा आदि के विकृत रूप को समाज में परोसा जा रहा है। जबकि कहावत यह है कि गांड़ा का गुनी एवं सरग की थुनी आज भी चरितार्थ है। क्योंकि बाजा बजाने का कला एवं गुन अंदकुरी गांड़ा समाज के लोंगों में है। यह ऐसा कला है, कोई अन्य समाज अपना भी लेता है। लेकिन वह गुन और देवी को नचाने का सक्ति नहीं है। इसका एकाधिकार केवल और केवल गांड़ा जाति को विरासत में मिली है। वही युवा जिला अध्यक्ष वीरेंद्र बघेल के द्वारा ओजपूर्ण उद्बोधन में कहा कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वह दहाड़ेगा । समाज में शिक्षा का बहुत महत्व है, हर कठिनाइयों से निकल सकते है । साथ ही समाज में नशा नहीं करना, अपने बच्चो को बेहतर शिक्षा दे, एकता में बंधे रहे, समाज संगठित रहे और बेहतर माहौल देन के उद्देश्य से समाज द्वारा मेधावी छात्र एवं छात्राओं को सम्मानित और प्रोत्साहित किया जाना अति आवश्यक है।इससे एक प्रतिस्पर्धा समाज में आएगी जो समाज को विश्व के मंच पर स्थापित करेगी। आज अंदकुरी गांडा समाज में एकता है, एकता होने के कारण कोई भी समाज के व्यक्ति को मुसीबत में समाधान अवष्य होता है।विद्यार्थी यह मुकाम कठिन परिश्रम से प्राप्त करता है। ऐसे विद्यार्थियों को सम्मानित करने से समाज व राष्ट्र का कल्याण होता हैं। साथ ही उन्होने कहा कि जानकारी के अभाव में शासन के विभिन्न योजनाओं का लाभ हमारे समाज के व्यक्ति नहीं उठा पा रहे है।अगर आप लाभ उठाना चाहते है, और आपकों जानकारी नही ंतो हमको बताईये एवं समाज के जिम्मेदारी व्यक्तियों तक पहुचाहिए । ताकि आपकों समाज के व्यक्ति शासकीय योजना का लाभ लेने में सहायोग प्रदान करें।साथ ही वरिष्ठ जिलाध्यक्ष करन कोर्राम द्वारा कहा कि जीवन में सफल होने के लिए आपको लक्ष्य निर्धारित करने और उसके प्रति दृढ़ संकल्प के साथ काम करने की आवश्यकता है। सफलता के लिए अपने समय का प्रबंधन करना जरूरी है इसलिए यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो समय प्रबंधन कौशल सीखें। युवाओं के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। वे असंभव को संभव बनाने में माहिर हैं। जीवन में इसी तरह कठिन परिश्रम करते रहें और असफलताएं आने पर कभी निराश न हों। अथक प्रयासों से एक दिन मेहनत अवश्य रंग लाती हैं। इस कार्यक्रम में समस्त प्रांतीय पदाधिकारी एवं वरिष्ठ प्रकोष्ठ से जिला, ब्लाॅक, मण्डल के समस्त पदाधिकारी एवं युवा प्रकोष्ठ के जिला, ब्लाॅक, मण्डल के समस्त पदाधिकारी एवं कर्मचारी प्रकोष्ठ के समस्त पदाधिकारी एवं महिला प्रकोष्ठ के जिला, ब्लाॅक, मण्डल के समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम में सफल संचालन दिनेष गंधर्व एवं रितेष कोर्राम के द्वारा किया गया ।