October 6, 2024

भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रारूप को समझाया

 

दुर्ग पुलिस द्वारा नवीन कानुन पर जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रारूप को समझाया गया। स्थान-श्री राधाकृष्णन हॉल, साईस कॉलेज, दुर्ग

 

दिनांक-21.06.2024 को नवीन भारतीय न्याय सहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिता एक भारतीय साक्ष्य अधिनियम का जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन श्री राधाकृष्णन हॉल, साईस कॉलेज दुर्ग में दुर्ग पुलिस द्वारा किया गया। उक्त कार्यशाला का उदेश्य 01 जुलाई 2024 से लागू हो रहे नवीना कानुनो के संबंध में लोगो को जागरूक करना एवं प्रचार प्रसार करना है।

उक्त कार्यशाला के दौरान श्री सत्यनारायण राठौर, भाप्रसे. आयुक्त, दुर्ग सभाग, दुर्ग द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि आपको इस समाज में रहना है इस कानून के दायरे में रहना है लेकिन हम लोग इस कानून के बारे में बिलकुल कुछ भी नही जानते। आपको हर कानून की जानकारी होनी चाहिए अन्जाने में गलती कर बैठते है जो अपराध हमको पता भी नही रहता है कि शायद अपराध है हम अपराध कर बैठते है और अनावश्यक हम अपना धन का समय का नुकसान करते है इसलिए जरूरी है कि जो भी कानून है उसके बारे में हमको एक सामान्य जानकारी जो उपरी ज्ञान है सादगी ज्ञान तो कम से कम होना ही चाहिए। सामाज में हम रह रहे है और कानून के दायरे में हमारा जीवन व्यतीत हो रहा है तो हम उस कानून को अच्छी तरह समझेंगे तो हमारा जो भी जीवन है, हमारे जीवन में जो भी समस्या है उसका समाधान जो इस तरह कानूनी समस्या अगर आती है तो हम अच्छे से कर सकते है। आयुक्त महोदय ने बताया की नये कानुन के प्रचार-प्रसार जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा किया जा रहा है जिसमें आपस सभी बढ़-चढ़ कर हिसा ले और लोगो को जागरूक करे।

श्री रामगोपाल गर्ग, भापुसे. पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज, दुर्ग द्वारा उद्बोधन में बताया गया है कि नवीन भारतीय न्याय संहिता आम जनता को न्याय दिलाने के लिए बनाया गया है, जिससे आम जनता को न्याय मिलने में विलंब न हो, पुलिस एवं न्यायालय के लिए समय निर्धारित किया गया है, महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपराध के लिए अलग-अलग क्लीरिफिकेशन करते हुए परिभाषा को एकजाई किया गया है, जिसमें बच्चों की परिभाषा दी गई कि बच्चा कौन है, महिलाओं से संबंधित अपराधों में दण्ड का प्रावधान करते हुए महिलाओं से संबंधित अपराधों को कठोर बनाया गया है। धारा 4 भारतीय न्याय संहिता मे सामुदायिक सेवा, न्याय-व्यवस्था का दंड से न्याय की ओर बढ़ता कदम है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत कहीं अपराध होता है और आप यदि घर पर उपस्थित नहीं है, जहाँ पर आप उपस्थित हो वहाँ पर आप एफ.आई.आर. करवा सकते है, एफ.आई.आर. करना पुलिस का दायित्व है। ई-एफ.आई.आर. के अंतर्गत आपके घर में चोरी या घटना-दुर्घटना होती है तो आप रजिस्टर्ड ई-मेल के माध्यम से पुलिस के रजिस्टर्ड ई-मेल व्हाट्सअप के माध्यम से सूचना भेज सकते है और 03 दिवस के अंदर पुलिस आपकी शिकायत की जाँच करेगी और 03 दिवस के भीतर पुलिस आपको रिपोर्ट करेगी के आपके द्वारा प्रस्तुत सूचना पर एफ.आई.आर. हुआ है या नहीं, उक्त सूचना देने के पश्चात् 03 दिवस के भीतर थाने में उपस्थित होकर आपको हस्ताक्षर करना होगा। भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत आपकी, आपके घर की या आपके व्यवसायिक स्थान या अन्य जगह की तलाशी लेगें, तो उसकी कंपलसरी फोटोग्राफीध्वीडियोग्राफी की जायेगी, वह न्यायालय में मान्य होगा, इस प्रकार न्यायालय में प्रकरण में विंलब नहीं होगा और जल्द से जल्द आरोपी को सजा भी हो जायेगी के संबंध में विस्तारपूर्वक बताया गया।

कार्यक्रम में श्री सत्यनारायण राठौर आयुक्त दुर्ग संभाग, श्री रामगोपाल गर्ग पुलिस महानिरीक्ष दुर्ग रेज दुर्ग, श्री एम ऐ सिद्दकी प्राचार्य साईस कालेज दुर्ग, श्री सुखनंदन राठौर, अति. पुलिस अधीक्षक (शहर), श्री सतीश ठाकुर उपुअ. (यातायात), श्री निलकंठ वर्मा रक्षि निरीक्षक दुर्ग, दुर्ग जिले के थाना प्रभारी, थाना स्टाफ, साईस कालेज के प्राध्यपकगण, महाविधालयीन एनसीसी के छात्र-छात्राये एवं साईस कालेज दुर्ग के छात्र-छात्राये सम्मिलित हुये कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ममता ध्रुव ने किया।