October 5, 2024

गरीबों के उत्थान से देश की आर्थिक स्थिति तक जानें राष्ट्रपति के अभिभाषण की बड़ी बातें

गरीबों के उत्थान से देश की आर्थिक स्थिति तक जानें राष्ट्रपति के अभिभाषण की बड़ी बातें

गरीबों के उत्थान से देश की आर्थिक स्थिति तक जानें राष्ट्रपति के अभिभाषण की बड़ी बातें

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा में गुरुवार 27 जून को अभिभाषण दिया. इस दौरान उन्होंने नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई देने के साथ-साथ देश के विकास और आगे की नीति को लेकर भी अपनी बात कही. उन्होंने इस बार के लोकसभा चुनाव को दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव बताया और कहा कि अब पूरी दुनिया इस चुनाव पर चर्चा कर रही है. इस चुनाव में न सिर्फ युवा बल्कि महिलाओं ने भी उत्साह के साथ हिस्सा लिया. आइए जानते हैं राष्ट्रपति के अभिभाषण की बड़ी बातें.

1. सांसदों को दी बधाई और नसीहत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा में निर्वाचित होकर आने के लिए आपको सभी को शुभकामनाएं. आप देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं. उन्होंने इसके साथ ही सांसदों को एक नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि देश सेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है. मुझे भरोसा है कि आप सभी देश को पहले रखकर ही अपना दायित्व निभाएंगे.

2. दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव
राष्ट्रपति ने 18वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव को दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव बताया. उन्होंने कहा कि 64 करड़ो वोटर्स ने उत्साह और उमंग के साथ अपना कर्तव्य निभाया. महिलाओं की भागीदारी भी सराहनीय रही. जम्मू-कश्मीर से भी इस चुनाव की सुखद तस्वीर देखने को मिली. घाटी में भी वोटिंग के जरिए दशकों का रिकॉर्ड टूटा.

3. भारत के लोगों की आकांक्षाएं सर्वोच्च स्तर पर
प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया ने कहा कि इस चुनाव की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. पूरा विश्व देख रहा है कि भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार स्थिर और स्पष्ट बहुमत वाली सरकार को चुना. देश में ऐसा 6 दशक बाद हुआ है. यही नहीं इस चुनाव के साथ ही भारत के लोगों की आकांक्षाएं भी अपने सर्वोच्च स्तर पर हैं.

4. दुनियाभर के निवेशकों को आकर्षित करें
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरी सरकार का मत है कि हम दुनियाभर से निवेशकों आकर्षित करें. इसके लिए हमें अपने राज्यों में भी स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा करना होगी. उन्होंने कहा कि जब हम इसी तरह से काम करेंगे तो यह कंपटीटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की सच्ची स्पिरिट कहलाएगी. राज्यों के विकास से ही देश का विकास संभव है.

5. रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का संकल्प
पीएम मोदी की तरह राष्ट्रपति ने भी देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के संकल्प को दोहराने की बात कही. उन्होंने कहा हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं और आने वाले दिनों में देश की टॉप अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो रहे हैं. बीते एक दशक में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से उठकर पांचवे पायदान पर पहुंच गया है जो जल्द ही तीसरे स्थान पर भी होगा.

6. अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों का बराबर महत्व
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों (मैन्यूफेक्चरिंग, सर्विसेज और एग्रीकल्चर को बराबर महत्व दे रही है) को साथ लेकर चल रही है. यही नहीं पारंपरिक सेक्टर्स के साथ ही आगे बढ़ने वाले सेक्टरों को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है.

7. किसानों के लिए प्रतिबद्ध सरकार
राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों को लेकर भी सरकार प्रतिबद्ध है. किसान अपने छोटे खर्चे पूरे कर सकें, इसके लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत उन्हें 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि अब तक दी जा चुकी है. हाल में प्रधानमंत्री ने 17वीं किश्त जारी की थी. यही नहीं सरकार ने खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है.

8. दुनिया को समाधान देने वाले देश के रूप में पहचान बना रहा भारत 
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अब भारत बदल रहा है. अब दुनिया में चुनौती नहीं बल्कि समाधान देने वाले देश के रूप में भारत को पहचाना जाने लगा है. भारत विश्व-बंधु के तौर पर अपनी जगह बना रहा है. जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक कृषि से जुड़े कई क्षेत्रों में भारत ने अपनी छवि बदली है.

9. इमरजेंसी को बताया संविधान पर बड़ा हमला

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इमरजेंसी को भी याद किया. उन्होंने कहा कि 1975 में पूरे देश में हाहाकार मचा था. आपातकाल संविधान पर सबसे बड़ा हमला था. इस दौरान लोकतंत्र को दबाने की पूरी कोशिश की गई थी.

10. दुनिया का तीसरा डोमेस्टिक एविएशन मार्केट बना भारत
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत तेजी से विकास रहा है. दुनिया के तीसरे एविएशन मार्केट रूप में भी देश ने अपनी जगह बनाई है. अप्रैल 2014 में देश में महज 209 एयरलाइन्स रूट्स थे, जो अब बढ़कर 605 तक पहुंच गए हैं. यानी तीन गुना की बढ़ोतरी सिर्फ 10 वर्षों में हुई है.