November 23, 2024

अब 24 नहीं, 25 घंटों का होगा एक दिन! जानिए कब से और क्यों होने वाला है ये बदलाव?

पृथ्वी अपने अक्ष पर भी घूमती रहती है, जिसमें 24 घंटे का समय लगता है. इसी कारण पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का होता है, मगर कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि एक दिन 24 घंटे की जगह 25 घंटे का होने वाला है. जी हां, आने वाले समय में पृथ्वी 24 घंटे की जगह 25 घंटे में अपने अक्ष पर अपना चक्कर पूरा करेगी तथा इसका परिणाम ये होगा कि पृथ्वी पर दिन बड़ा होने लगेगा. इतना ही नहीं, फिर एक वर्ष का समय और भी कम हो जाएगा तथा 365 से कम दिन का साल होगा.

ऐसे में जानते हैं कि आखिर पृथ्वी पर एक दिन में 25 घंटे होने की बात क्यों कही जा रही है तथा किस कारण पृथ्वी पर आहिस्ता घूम रही है. साथ ही ये भी जानते हैं कि जब पृथ्वी पर 25 घंटे का दिन हो जाएगा तो एक वर्ष में कितने दिन होंगे.

साल में कितने दिन होंगे?

सबसे पहले तो आपको ये बताते हैं कि जब पृथ्वी पर एक दिन 25 घंटे का होगा तो वर्ष की गणना का क्या हिसाब होगा. अभी पृथ्वी पर एक वर्ष में 365 दिन होते हैं यानी पृथ्वी 365 दिन में सूर्य के पूरा चक्कर काट लेती है. किन्तु यदि दिन का समय बढ़ जाता है तो उस हिसाब से वर्ष में दिनों की संख्या कम हो जाएगी, क्योंकि पृथ्वी सूर्य के उतने ही घंटे में एक चक्कर पूरा करेगी तथा वर्ष के दिन 365 से कम होकर लगभग 350 ही रह जाएंगे.

क्या पृथ्वी धीरे घूम रही है? 
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पृथ्वी के घूमने का समय एक नहीं है एवं यह निरंतर बढ़ता जा रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी की घूमने की स्पीड निरंतर कम होती जा रही है तथा इस कारण दिन का समय निरंतर बढ़ा रहा है. कई लाख वर्ष पहले पृथ्वी के घूमने की स्पीड बहुत तेज थी और उस समय एक दिन 24 घंटे का नहीं था तथा 19 घंटे में ही पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर घूम लेती थी. हालांकि, यह परिवर्तन कई लाख साल में एक बार होता है तथा एक दिन में 19 घंटे आज से एक बिलियन वर्ष पहले होते थे.

किस स्पीड से बढ़ रहा है एक दिन का समय?
बता दें कि पृथ्वी में एक दिन का समय बढ़ने की स्पीड बहुत कम है. रिपोर्ट के हिसाब से एक सेंचुरी यानी 100 वर्षों में ये समय 1.8 मिलिसेकेंड के हिसाब से बढ़ रहा है, मतलब हजारों वर्षों में एक सेकेंड का समय बढ़ रहा है. वहीं, 3.3 मिलियन वर्षों में एक ये टाइम एक मिनट तक बढ़ रहा है.

कब होगा 25 घंटे का एक दिन?
ऐसे में इसे एक घंटा होने में अभी एक घंटा बढ़ने में पृथ्वी पर 200 मिलियन वर्ष लगेंगे. ऐसा 200 मिलियन वर्ष पश्चात् देखने को मिलेगा, जब एक दिन में 25 घंटे हो सकते हैं.

ऐसा क्यों हो रहा है?
पृथ्वी की स्पीड के आहिस्ता होने का कारण चांद को माना जा रहा है. पृथ्वी एवं चांद के बीच हो रही टाइडल इंट्रैक्शन के कारण ऐसा हो रहा है. इसमें टाइड से पैदा हो रहे घर्षण से पृथ्वी की स्पीड प्रभावित हो रही है. दरअसल, चांद का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के उस हिस्से को खींचता है, जो उसके सबसे करीब है तथा उससे एक टाइड बनती है एवं ये टाइड चांद और पृथ्वी के घूमने की स्पीड से मैच नहीं करती एवं समुद्र तल पर घर्षण पैदा होता है जो पृथ्वी के घूमने में दिक्कत करता है.

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