November 22, 2024

यूनियन का साथ नहीं देते कर्मचारी इसलिए सेल प्रबंधन मनमानी पर उतारू – एचएस मिश्रा

00 बीएसपी में बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम पर बरसे एचएमएस नेता
00 कहा भय और भ्रम पैदा कर कर्मचारियों की एकता में डाला जा रहा दरार
भिलाई / हिंद मजदूर सभा ( एचएमएस ) के छत्तीसगढ़ प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष एचएस मिश्रा ने बीएसपी में 1 जुलाई से लागू बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बीएसपी के कर्मचारी जरूरत के समय यूनियनों का साथ नहीं देते इसलिए प्रबंधन मनमानी पर उतारू है। उन्होंने कहा कि सेल व बीएसपी प्रबंधन कर्मचारियों में भय और भ्रम पैदा कर उनकी एकता में दरार डालने काम कर रही है। इस बात को समझते हुए कर्मचारियों को यूनियनों के द्वारा होने वाले आंदोलन में स्वस्फूर्त भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
वरिष्ठ श्रमिक नेताओं में शुमार एचएमएस यूनियन के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष एचएस मिश्रा ने बताया कि बीएसपी में कर्मचारियों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। इसका एक और प्रत्यक्ष उदाहरण 1 जुलाई से लागू की गई बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम है। प्रबंधन कर्मचारियों को प्रताड़ित करना, सुविधाओं में कटौती करना बंद करने के साथ ही बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को वापस ले, अन्यथा उग्र आंदोलन होगा। कर्मचारियों का मनोबल गिराकर और दुखी करके प्रबंधन उत्पादन बढ़ाने का नहीं बल्कि घटाने का काम कर रही है। प्रबंधन को मालूम है कि कर्मचारी यहां के सक्रिय यूनियनों का साथ नहीं देते इसलिए मनमानी किया जा रहा है।
श्री मिश्रा ने बताया कि यूनियनों के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर समय-समय पर सरकार और प्रबंधन की गलत नीतियों का राष्ट्रीय, प्रांतीय व यूनिट स्तर पर पुरजोर विरोध किया जाता है। जब कभी कोई धरना प्रदर्शन और हड़ताल का आह्वान होता है तो संयुक्त मोर्चा के लोग सुबह 4 से लेकर रात 10 बजे तक हर चौक – चौराहे पर झंडा बैनर के साथ सरकार और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हैं। यूनियनों के तरफ से कभी कोई कसर नहीं छोड़ी जाती। कर्मचारियों के 39 महीने का एरियर्स, रात्रि पाली भत्ता और एचआरए सहित पूर्णकालिक वेज रिवीजन के लिए अखबारों व विभिन्न न्यूज चैनल के माध्यम से आवाज बुलंद की जाती है। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि यूनियनों के इन प्रयासों को बीएसपी कर्मचारियों का साथ जैसा मिलना चाहिए वैसा मिलता नहीं है। इसके विपरित यूनियन नेताओं और एनजेसीएस सदस्यों के बारे में अभद्र व अमर्यादित बयान दिया जाता है।
श्री मिश्रा ने संयंत्र कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा है कि संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर एक बार सिर्फ चार घंटे के लिए सारे कर्मचारी संयंत्र से बाहर निकल जाएं, उसी दिन प्रबंधन पिछले समय के सभी देयकों का भुगतान करने घुटने टेक देगी। उन्होंने कहा संयुक्त मोर्चा और यूनियन नेताओं के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, जिससे की कर्मचारियों की मांगे पल भर में पूरी हो जाए। कर्मचारियों को इधर-उधर की बातों को छोड़ हजारों मैसेज लिखने की नकारात्मक प्रवृत्ति पर विराम लगाना चाहिए। अगर अपना हक और अधिकार चाहिए तो सकारात्मक सोच के साथ संयुक्त मोर्चा पर विश्वास जताते हुए आर पार की लड़ाई लड़नी होगी। 39 महीने का एरियर्स, रात्रि पाली भत्ता, एचआरए वगैरह और प्रमोशन पॉलिसी सहित जो भी मांगें हैं, चार घंटे में मिल सकता है, बशर्ते कर्मचारी संघर्ष के लिए तैयार रहें। नेता और एनजेसीएस की कमजोरी नहीं है, यह सेल के कर्मचारियों की खामी है जो किसी पर विश्वास नहीं करते और आंदोलन में भाग लेने से कतराते हैं।

You may have missed