May 20, 2024

दुबई से बैडमिंटन में दो मेडल जीत कर लौटी बेटी को नहीं आया कोई रिसीव करने, मायूस होकर कोरबा रेलवे स्टेशन से अकेली गई घर

Sapsiree Taerattanachai, of Thailand, with partner Dechapol Puavaranukroh, background right, plays a shot to Praveen Jordan and Melati Daeva Oktavianti, left, of Indonesia during the Mixed Doubles final match at the All England Open Badminton tournament in Birmingham, England, Sunday, March 15, 2020. (AP Photo/Rui Vieira)

कोरबा । दुबई में हुई अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन स्पर्धा (Inter National Baidminton match ) में एक स्वर्ण और एक रजत पदक ( Gold and Silver Madle) जीतकर लौटी प्रदेश की बेटी मनीषी सिंह (Manishi Singh ) का जहां रायपुर भिलाई दुर्ग जैसे स्टेशनों पर गाजे-बाजे के साथ स्वागत हुआ, तो वही कोरबा पहुंचने पर उसे रिसीव करने कोई नहीं गया। बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ का नारा देकर चारा जुगाड़ करने वाले लोग भी वहां से नदारद दिखे। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या ऐसे ही पड़ेगी और बढ़ेगी बेटी ? उनके इस कृत्य से प्रदेश की दूसरी बेटियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा इस बारे में भी किसी ने कुछ नहीं सोचा? इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लौटी कोरबा की बेटी आखिरकार मायूस होकर अपने घर लौटी। तो वही प्रशासन के जिम्मेदार चुप्पी साधे बैठे रहे।

दरअसल, शुक्रवार को शासकीय स्कूल की शिक्षिका मनीषी सिंह लिंक एक्सप्रेस से रायपुर से कोरबा पहुंची थी, उन्होंने दुबई में देश का परचम लहराया है। दुबई में 6 से 12 नवंबर तक हुई अन्तर्राष्ट्रीय बैडमिंटन स्पर्धा में सिंगल में मनीषी सिंह ने स्वर्ण पदक जीता है वही मिक्स्ड डबल में रजत पदक जीता है। गोल्ड मैडल जीत कर देश, प्रदेश और कोरबा जिला को गौरान्वित करने वाली मनीषी सिंह के हौसला अफ्जाई के लिए गृह जिले के बैडमिंटन संघ और खेल प्रेमियों के पास समय नहीं है। जबकि मनीषी का स्वागत दुर्ग, भिलाई, रायपुर और बिलासपुर रेलवे स्टेशन में गाजे-बाजे के साथ किया गया। मनीषी सिंह ने मिडिया से बातचीत में कहा ये उनके लिए सुखद अनुभव रहा। देश प्रदेश और जिले का नाम रौशन करने पर बेहद खुशी हो रही है। कोशिश करने वालो की हार नहीं होती, लहरों से डरने से नौका पार नहीं होती। बैडमिंटन संघ के पदाधिकारी स्वागत के लिए नहीं पहुंचने के सवाल पर कहा की उन्हें जानकारी नहीं होने के कारण नहीं पहुंच पाए।