नाबार्ड ने कला मंदिर सिविक सेंटर भिलाई में 11 से 13 जुलाई 2024 तक किया “तरंग – FPO मेला” का आयोजन
भिलाई राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), लघु कृषक कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम (एसएफएसी) और ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के सहयोग से कला मंदिर, सिविक सेंटर भिलाई में 11 से 13 जुलाई 2024 तक तरंग एफपीओ मेला आयोजित किया है। इस मेले में छत्तीसगढ़ के 25 जिलों के 50 एफपीओ ने कृषि उत्पाद जैसे जीराफूल चावल, काला चावल, काजू, मसाले, फल, मोटे अनाज और वन उत्पाद जैसे शहद, चिरौंजी और कई हस्तशिल्प उत्पाद बेचने के लिए स्टॉल लगाए हैं।
मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में श्री राम रणविजय सिंह, कुलपति, दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकार कामधेनु विश्वविद्यालय उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में श्री अश्वनी देवांगन, सीईओ जिला पंचायत, दुर्ग सन्मान्निय अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
नाबार्ड छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक, डॉ ज्ञानेंद्र मणि ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि नाबार्ड ने एसएफएसी और ओएनडीसी की साझेदारी में कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ के एफपीओ को अपने उत्पाद के विपणन और बिक्री के लिए एक प्लैटफ़ॉर्म देने के लिए किया है।
भारत सरकार ने किसानों की उपज के विपणन के लिए 8500 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ 10000 कृषक उत्पादक संगठन के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना बनाया है। 3-4 वर्षों के बाद, इनमें से 8700 कृषक उत्पादक संगठन पंजीकृत हो चुके हैं जिसमे नाबार्ड के 1700 शामिल है और वे ओएनडीसी, ई -नाम में विपणन कर रहे हैं और एनसीडीईएक्स में भी व्यापार कर रहे हैं। इसके अलावा भी नाबार्ड ने अपनी पहल के रूप में 5500 से अधिक कृषक उत्पादक संगठन को बढ़ावा दिया। ओएनडीसी प्लेटफॉर्म पर 6500 से अधिक कृषक उत्पादक संगठन और ईनाम में 3400 कृषक उत्पादक संगठन मे पंजीकृत हैं।
एफपीओ और उनके विपणन को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में भी 3 चरणों में एफपीओ मेला – तरंग को आयोजित किया गया है, पहला मेला रायपुर, दूसरा बिलासपुर में और तीसरा भिलाई में। तरंग मेले का उद्देश्य एफपीओ द्वारा अपने उत्पाद को सीधे खरीदारों के सामने प्रदर्शित करना है। खरीदारों को उत्पाद की गुणवत्ता पर भरोसा होगा और ओएनडीसी और अन्य प्लेटफार्मों पर ऑनलाइन उत्पाद खरीदने की संभावना अधिक होगी ।
श्री राम रणविजय सिंह ने मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड, नाबार्ड के सदस्यों और किसानों का स्वागत किया तथा उद्घाटन समारोह में आमंत्रित करने के लिए नाबार्ड को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया की छत्तीसगढ़ में पशुपालन में दो क्षेत्र हैं जो तेजी से विकसित हो रहे हैं बकरी पालन और मत्स्य पालन। उसी के संदर्भ में, उन्होंने एफपीओ से पशुपालन, डेयरी, बकरी पालन और मत्स्य पालन में मूल्य श्रृंखला बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मेले की लोकप्रियता से बिक्री को बढ़ावा मिलेगा, उत्पादन के पैमाने में वृद्धि होगी और लाभप्रदता में वृद्धि होगी और किसानों को शुभकामनाओं के साथ अपना संबोधन समाप्त किया।
श्री अश्वनी देवांगन ने अपने सम्बोधन में कृषक उत्पादक संगठनों को यह कहकर प्रेरित किया कि यदि समान उद्देश्य के साथ और गुणवत्ता मानकों को पूरा करें, तो वे निजी खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि एफपीओ को बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए सबकी ओर से कार्रवाई की जरूरत है।
कार्यक्रम के दौरान अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी किसानों तथा अन्य सहभागियों को संबोधित किया और एफपीओ के लिए मेला आयोजित करने के लिए नाबार्ड को धन्यवाद दिया।