November 23, 2024

क्या है चांदीपुरा वायरस, जिसने गुजरात में मचा रखा है आतंक

गुजरात में चांदीपुरा वायरस ने आतंक मचा रखा है. अभी तक यहां के चार जिलों में चांदीपुरा वायरस के कई मामले सामने आ चुके हैं. साबरकांडा के हिम्मत नगर अस्पताल में चांदीपुरा वायरस के 8 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि इलाज के दौरान पांच बच्चों की मौतें हुई हैं. इसके अलावा अरावली जिले में चांदीपुरा वायरस के तीन मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो की मौत हो गई है और एक मरीज का इलाच चल रहा है. लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन में हड़कंप मचा गया है. उसकी ओर से तमाम जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि ये चांदीपुरा वायरस क्या है और यह कितना घातक है, जो कहा जा रहा है कि दिमाग में आई सूजन तो समझो गई जान!

चांदीपुरा वायरस ने गुजरात में कहर मचा रखा है. प्रभाहित इलाकों में मेडिकल टीम सर्वे कर रही है. सभी पीड़ित बच्चों के सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं. इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका साबरकांडा जिला रहा है. हिम्मत नगर अस्पताल मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों से भरा हुआ देखा गया. अस्पताल के सिविल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर परेश शीलदारिया ने वायरस से पीड़ित लोगों के बारे में अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया, ‘गुजरात के हिम्मतनगर अस्पताल में चांदीपुरा वायरस के कारण आठ मामले सामने आए हैं और पांच मौतें हुई हैं.’

नया नहीं है चांदीपुरा वायरस

वहीं, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल का कहना है कि, ‘राज्य में कई जगहों पर चांदीपुरा वायरस के मामले सामने आए हैं. डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है. चांदीपुरा कोई नया वायरस नहीं है. 1965 में महाराष्ट्र में पहला मामला दर्ज किया गया था. गुजरात में हर साल इस वायरस के मामले दर्ज होते हैं.’ साल 2003 में आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में ये वायरस फैला था. उस समय चांदीपुरा वायरस से 329 बच्चों में से 183 की मौत हो गई थी.

चांदीपुरा कैसे पड़ा वायरस का नाम

इस वायरस का नाम चांदीपुरा पड़ने के पीछे बड़ी ही दिलचस्प कहानी है. 1965 में सबसे पहले ये महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव में फैला था. उस समय 15 साल तक के कई बच्चों की इस वायरस से मौत हुई थी. तब पूरे चांदीपुरा गांव में इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर लोगों में जबरदस्त खौफ था. कई मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच के बाद पता चला कि मौतों के पीछे वायरस है, इसलिए इस वायरस का नाम चांदीपुरा पड़ गया.