योगी सरकार का फरमान, कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर लगानी ही होगी नेम प्लेट
सावन के महीने में कांवड़ यात्रा का अपना महत्व है. यही वजह है कि इस यात्रा को लेकर सरकार भी लगातार बड़े कदम उठाती है. कांवड़ियों की सुविधा और सुरक्षा को लेकर भी बड़े फैसले लिए जाते हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल योगी सरकार ने कांवड़ यात्रियों को लेकर अहम फैसला लिया है. इसके तहत पूरे प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेमप्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. सरकार की ओर से ये कदम उठाने के पीछे जो मकसद है वह यह कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनी रहे.
हलाल सर्टिफिकेशन उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई
कांवड़ मार्ग की खाने-पीने की दुकानों पर जहां नेमप्लेट को अनिवार्य किया गया है वहीं दूसरी ओर योगी सरकार हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बिक्री करने वालों को लेकर भी सख्त है. सरकार ऐसे लोगों को पर सीधी कार्रवाई करेगी.
सीएम ऑफिस की ओर से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ रास्ते पर जितनी भी खाने-पीने की दुकानें नजर आएंगी उन पर दुकानदार का नेमप्लेट होना अनिवार्य है. दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान होना चाहिए. सीएमओ की ओर से ये भी साफ किया गया है कि ये फैसला क्यों लिया गया है. सीएम ऑफिस ने बताया कि इसके पीछे कांवड़ यात्रियों की आस्था और शुचिता बनाए रखना है.
ये आती थी मुश्किल
आमतौर पर हरिद्वार गोमुख से देशभर के कांवड़िया जल भरकर अपने-अपने गंतव्य तक ले जाते थे, ऐसे में इन कांवड़ियों को मुजफ्फनगर से गुजरना पड़ता था. लिहाजा इस रास्ते में कई दुकान, ढाले रेस्त्रां के नाम हिंदू धर्म के नाम पर ही रखे जाते थे, जबकि इन्हें संचालित करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग होते थे. ऐसे में कई लोगों की आस्था को चोट पहुंचती थी. क्योंकि ये लोग अपनी दुकानों पर नॉनवेज आदि भी बेचते थे.