October 5, 2024

नक्सल घटना को लेकर सदन में उठा सवाल, इन सवालों का जवाब नहीं दे पाए गृह मंत्री, मचा हंगामा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में जारी मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। तीसरे दिन भी पक्ष और विपक्ष जोरदार नोकझोंक देखने को मिली। प्रदेश में नक्सल घटना को लेकर सदन में सवाल उठाए गए। नक्सल घटना पर सवाल उठाते हुए विपक्ष ने कहा, कि नक्सलियों ने पिछले 6 माह में 34 लोगों की हत्या की। इसमें 4 की हत्या जन अदालत में की गई। 5 की हत्या आईईडी ब्लास्ट में हुई। मुखबिरी की आरोप में 24 की मौत हुई तो वहीं, नक्सली फायरिंग में 1 की मौत हुई है।

विपक्ष ने कहा कि 273 नक्सल घटना हुई, जिसमें 137 नकली मारे गए हैं। लेकिन, छत्तीसगढ़ में मारे गए नक्सलियों में कितने बाहरी और कितने छत्तीसगढ़ के हैं इस सवाल का जवाब गृह मंत्री नहीं दे पाए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने पूछा कि इनकाउंटर के बाद भरमार बंदूक जब्त होती है, क्या ये चलते भी है, क्या कभी इसकी जांच कराई गई? चरणदास महंत ने कहा कि मेरा आरोप है कोई मारा जाता है, भरमार रख कर नक्सली घोषित कर दिया जाता है । 1995 में गृह मंत्री था उस समय भी भरमार जब्त नहीं होते थे। आप इसकी जांच कराएंगे क्या, भरमार चलती भी नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि भरमार के साथ दूसरी बंदूके भी जब्त हुई है। जितने नक्सली मारे गए, उनके खिलाफ पहले से FIR दर्ज थे। 790 गिरफ्तार नक्सली अभी जेल में है और 765 नक्सली विचाराधीन है। ये कब से लंबित हैं, इसकी जानकारी बाद में देंगे। इस पर विक्रम मंडावी ने सवाल उठाया कि, पीडिया में 600 जवान 10 नक्सली को मारना बताया। सबसे भरमार मिला। लेकिन, सब ग्रामीण थे। प्रदेश में भरमार के नाम पर फर्जी मुठभेड़ किया जा रहा है।

गृह मंत्री विजय शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि पीडिया में मारे गए नक्सली पर पहले से FIR दर्ज था। ये FIR कांग्रेस सरकार के समय हुआ था। आप आरोप लगाकर सुरक्षाबलों के मनोबल मत तोड़िए। नेता प्रतिपक्ष ने गृह मंत्री से सवाल पूछा, कि क्या आपने नक्सलियों से बात करनी की कोशिश की, क्या मध्यस्थ तय किया, क्या प्रक्रिया तय की? वहीं, कवासी लखमा ने पूछा कि पीडिया में कितने ग्रामीण को गोली लगी? जो तेंदूपत्ता तोड़ने आए थे, उसे घेर कर मारा गया।

कवासी के आरोप पर गृहमंत्री ने आपत्ति जताई। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। सदन में कांग्रसी ‘आदिवासी की हत्या बंद करो’ का नारा लगा रहे हैं। वहीं, इस हंगामे के बीच प्रश्नकाल समाप्त किया गया।