स्वामी आत्मानंद स्कूल निर्माण में गुणवत्ता को दर किनार करते हुए ठेकेदार एवं विभाग ने किया भ्रस्टाचार।
37 लाख की लागत से निर्मित लाईब्रेरी एवं प्रयोगशाला हुआ कबाड़।
लगभग एक-एक करोड़ की लागत ने नव निर्मित स्कूल भवन का हाल बेहाल।
स्कूल खुलने के पहले ही खंडर में तब्दील होने लगी है करोड़ों के भवन।
बीजापुर-जिले में नए शिक्षा सत्र प्रारंभ होते ही शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन जिले भर के विद्यालयो में रखा गया था।सर्व सुविधा युक्त विद्यालय व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर भले ही शासन प्रशासन वाहवाही लुटती रही हो,लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी दावों को दरकिनार कर वास्तविकता से अवगत कराती है।
जिले भर में करोड़ो की लागत से बच्चो को बेहतर शिक्षा देने तत्तकालीन कांग्रेस सरकार ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी एवं अंग्रेजी मीडियम विद्यालय निर्माण एवं पुराने भवनों को जीर्णोद्धार करने स्वीकृति दिया था।लेकिन विभाग,ठेकेदार एवं कार्य एजेंसी की मिलीभगत से स्कूल निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है।बात करते है भोपालपटनम निकस्खण्ड के तारलागुड़ा में नव निर्मित स्वामी आत्मानंद स्कूल जो लगभग एक करोड़ की लागत से बनाया गया भवन पहली बारिश में ही निर्माण की पोल खोल कर रख दिया।डीएमएफ द्वारा स्वीकृत एवं कार्य एजेंसी जिला निर्माण समिति के द्वारा निर्माण हो रहे भवन लोकार्पण के बाद भी विभागीय व ठेकेदार के सांठगांठ के चलते स्कूल निर्माण में अनियमितता बरती गई है।स्कूल के दीवारों में दरारे पड़ने लग गईं हैं,दीवारों में सीलन आने लग गईं हैं।छत से पानी टपकने लगी है।तो ऐसे में यह भवन कब दम तोड़ देगी और कितने को ले डूबेगी यह तो भविष्य बताएगा।
स्वामी आत्मानंद स्कूल में बच्चो के लिए डीएमएफ योजना के तहत स्वीकृत एवं कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा 12 लाख की लागत से लाईब्रेरी और 25 लाख के लागत से प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है।लेकिन स्कूल का संचालन और देख रेख नही होने से लाईब्रेरी और प्रयोगशाला खंडर होने लगे है।प्रयोगशाला के समान टूटने फूटने लगे है।समान उपयोग के पहले ही खराब होने लगे है।
स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि ऐसे घटिया निर्माण को रोकते हुए जांचकर भ्रष्टाचार सम्बंधित ठेकेदार के ऊपर निर्माण मे लगे राशि का पूर्ण वसूली एवं सम्बंधित इंजीनियर पर निलंबन करते हुए विभागीय जांच करे साथ ही साथ भ्रष्ट ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करते हुए कार्यवाही की जाये ताकि साथ ही दुबारा कोई ऐसा गलती न करें।स्वामी आत्मानंद हिंदी स्कूल मामले मे कार्यवाही रिपेरिंग तक सीमित न हो सम्बंधितो पर उचित कार्यवाही करे।अगर सम्बंधितो पर कुछ कार्यवाही नहीं होती तो भ्रष्टाचार मे मनोबल बढ़ेगा जिससे आगामी कार्य मे भी इस प्रकार की अनियमितता होती रहेगी।